वहीं अब मोदी सरकार Modi Govt ने 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आए हजारों कर्मचारियों की पेंशन pension पुन: बहल starts again कर दी है। जानकारी के अनुसार होली से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हजारों सरकारी कर्मचारियों Govt employess को एक बड़ा तोहफा Gift दिया है। इसके तहत केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन pension starts again in india के नियम में बदलाव किया है।
जिसके चलते सम्पूर्ण देश सहित मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में केंद्र सरकार के कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मचारी भी सीधे तौर पर लाभांवित होंगे। इसमें वे कर्मचारी जिन्होंने नौकरी तो 1 जनवरी, 2004 के बाद शुरू की लेकिन उनकी नियुक्ति का आदेश 1 जनवरी, 2004 से पहले ही आ गया था, ऐसे कर्मचारियों को 7th Pay Commission ka Hike पेंशन प्रणाली Pension system के दायरे में लाया जाएगा। ऐसे सरकारी कर्मचारी अब नेशनल पेंशन सिस्टम National Pension System (एनपीएस) की बजाय सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 Central Civil Services का चयन कर सकते हैं।
ऐसे कर्मचारी भी इस दायरे में होंगे, जिनका चयन की प्रक्रिया तो 31 दिसंबर, 2003 तक पूरी कर ली गई थी, लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र बाद में दिया गया हो। दरअसल केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में इन सभी कर्मचारियों को 7th Pay Commission अब सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन रूल्स, 1972 के तहत पेंशन देने का फैसला लिया गया है। अब तक ऐसे कर्मचारी सर्विस पेंशन Employee Service Pension के हकदार नहीं थे, बल्कि उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम में शामिल किया गया था।
31 मई 2020 है आखिरी तारीख…
ध्यान रहे कि इस विकल्प का चयन करने की आखिरी तारीख 31 मई 2020 है। यानी 31 मई तक जो कर्मचारी इस विकल्प का चयन नहीं करते हैं, वे एनपीएस कवर NPS Cover के तहत ही बने रहेंगे।
वहीं इस संबंध में कार्मिक, लोक विभाग और पेंशन मामलों के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस आदेश के जरिए ऐसे कर्मचारियों को पेंशन प्रणाली 7th Pay Commission के दायरे में लाया जाएगा, जिनकी नियुक्ति पर 1 जनवरी, 2004 से पहले ही मुहर लग गई थी, लेकिन नौकरी उसके बाद शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कर्मचारी 31 मई, 2020 तक पेंशन स्कीम 7th Pay Commission का हिस्सा बन सकते हैं। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो फिर उन्हें नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में ही रहना होगा।
इस आदेश के जरिए केंद्र सरकार ने बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों को दूर किया है, जिनका कहना था उनकी प्रक्रिया में देरी सरकार के चलते हुई थी।
अब सरकार ने ऐसे सभी कर्मचारियों को पेंशन स्कीम में जोड़ने का फैसला लिया है, जो प्रशासनिक कारणों से देरी से सेवा में शामिल हुए और यह विलंब इन सरकारी कर्मचारियों की वजह से नहीं हुआ था।
लंबे समय से कर्मचारी कर रहे थे मांग
इस ऐतिहासिक निर्णय से केंद्रीय कर्मियों की मांग पूरी हो गई है। जिन कर्मचारियों की भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया तो पहली पूरी हो गई थी लेकिन जिन्होंने विभिन्न कारणों से नौकरी एक जनवरी, 2004 के बाद नौकरी ज्वाइन की थी, वे लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। फैसला पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया है।
कर्मचारियों ने कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
मोदी सरकार ने इस फैसले के जरिए ऐसे कर्मचारियों की काफी समय से लंबित शिकायतों का निपटारा हो गया है, जिनके लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और परिणाम एक जनवरी 2004 से पहले प्रकाशित हो गया था। लेकिन प्रशासनिक कारणों व अन्य तरह की देरी की वजह से कर्मचारी इस तारीख तक नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाए थे। इसके लिए कई कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन अब इससे जुड़े मुकदमों में भी कमी आएगी ।