90 प्रतिशत पार्टियों के खर्च का हिसाब किताब तक नहीं है। चुनाव आयोग के बार बार नोटिस भेजने के बाद भी 54 में से 46 रजिस्टर्ड पार्टियों ने अपने आय-व्यय का खर्च नहीं बताया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति व्यापक स्तर पर नजर आती है, लेकिन चुनाव के वक्त कुछ ही पार्टियों के नाम सुनाई देता है। चुनाव के अलावा भी बाकी समय इन्हीं चुनिंदा पार्टियों की चर्चा होती रहती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में सिर्फ ये पांच छह पार्टियां ही नहीं, कुल जमा 54 पार्टियां रजिस्टर्ड हैं।
जी हां, आधा सैंकड़ा से भी ज्यादा पार्टियां इस समय मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय होने का दावा करती हैं, लेकिन ये बात भी बिल्कुल सच है कि इनमें ज्यादातर के नाम आपने सुने ही नहीं होंगे।
अब इसमें एक और बात आपके जानने वाली है कि इनमें से 90 प्रतिशत पार्टियों के खर्च का हिसाब किताब तक नहीं है। चुनाव आयोग के बार बार नोटिस भेजने के बाद भी 54 में से 46 रजिस्टर्ड पार्टियों ने अपने आय-व्यय का खर्च नहीं बताया है। यानि ये पार्टियां न तो जनता तक पहुंच पाईं और न ही चुनाव आयोग को अपने खर्चों का हिसाब भेज पाईँ। अब चुनाव आयोग ने इन्हें फिर से नोटिस भेजा है।
चुनाव आयोग के बार-बार आय-व्यय का ब्योरा मांगने के बावजूद प्रदेश की 46 रजिस्टर्ड पार्टियों ने अपने खर्च का ब्यौरा पेश नहीं किया है। इन पार्टियों को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने फिर नोटिस देकर जवाब तलब किया है। यदि इस बार भी ये पार्टियां जवाब नहीं देंगी तो आयोग इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में 54 रजिस्टर्ड पॉलिटिकल पार्टियां हैं, जिनमें सिर्फ 8 ने आय-व्यय का लेखा-जोखा दिया है।
आपको बता दें कि राजनीतिक दलों के पास पैसे जमा करने को लेकर कोई लिमिट नहीं है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इन पार्टियों के खातों का इस्तेमाल ब्लैक मनी को व्हाइट करने में नहीं किया गया होगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसी तमाम रजिस्टर्ड पार्टियां, जिनका नाम भी आपने शायद ही सुने होंगे इसी वजह से अपनी अकाउंट शीट पेश नहीं कर रही हैं।
लेनदेन का हिसाब देने में परेशानी क्या है, इसको लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। रिकॉर्ड मेनटेन नहीं होने के अलावा सबसे बड़ा और गंभीर सवाल ये सामने आ रहा है कि कहीं ये पार्टियां ब्लैक मनी की फंडिंग से तो नहीं चल रही हैं। हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं है। लेकिन दो बार चुनाव आयोग के सवालों पर भी चुप बैठी ये पार्टियां संदेह के घेरे में नजर आ रही हैं।
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MP में सक्रिय हैं ये राजनीतिक पार्टियां
आदिजन मुक्ति सेना, अद्वैत ईश्वश्याम कांग्रेस, अखिल भारतीय हिंद क्रांति पार्टी, भारतीय जय भीम पार्टी, भारतीय जन क्रांतिदल डेमोक्रेटिक, भारतीय राष्ट्रीय मजदूर दल, भारतीय गणतंत्र पार्टी, भारतीय जनयुग पार्टी, भारतीय सत्य संघर्ष पार्टी, भारतीय श्रमिक दल सोशलिस्ट,
वृहत्तर भारत प्रजातंत्र सेवा पार्टी, गोंडवाना मुक्ति सेना, इंकलाबी पार्टी, जनता विकास पार्टी, किसान मजदूर प्रजा पार्टी, क्रांतिकारी किसान सेना, लोकतांत्रिक सरकार पार्टी, नेशनल वर्ल्ड लाइफ पंचतत्व पार्टी, परिवर्तन समाज पार्टी, प्रजात्रांतिक समाधान पार्टी, रहवर पार्टी, राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्ष नव भारत पार्टी,
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राष्ट्रीय गरिमा पार्टी, राष्ट्रीय इंदिरा पार्टी, राष्ट्रीय किसान विकास पार्टी, राष्ट्रीय महान गणतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी प्रगतिशील, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ए, समता समाधान पार्टी, समता विकास पार्टी, सर्वे भवंतु सुखिना पार्टी, सत्यविजय पार्टी,
सर्वण समाज पार्टी, स्वर्णिम भारत इंकलाब, भारतीय अष्टजन्य पार्टी, गोंडवाना कांग्रेस पार्टी, जय मानवता पार्टी, राष्ट्रीय आमजन पार्टी, जय लोक पार्टी, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक पार्टी, भारतीय ग्रामीण समाज पार्टी, दलित विकास पार्टी भारत, श्री जनता पार्टी, महाकोशल विकास पार्टी, जनसंघर्ष विराट पार्टी, अंजुमन पार्टी।