दरअसल, फ्लोर टेस्ट की खींचतान के कारण कमलनाथ सरकार पूर्व में मुख्य बजट न ला पाने की स्थिति में गिलोटीन फार्मूले के तहत बिना बहस ही बजट पास करने के फार्मूले पर काम कर रही थी, लेकिन अब सरकार गिर गई है। बदली परिस्थिति में नया मुख्यमंत्री बनने, विधानसभा सत्र बुलाने और मंत्रिमंडल बनने तक के लिए मुख्य बजट अटक सकता है, इस कारण फिलहाल लेखानुदान बजट का अध्यादेश लाया जाएगा। एक-दो दिन में नया मुख्यमंत्री तय हो जाएगा।
भाजपा विधायक दल की नियमों के तहत तय प्रक्रिया पूरी होने के बाद अध्यादेश को मंजूर कराया जाएगा। 31 मार्च के पहले लेखानुदान लाकर निरंतर खर्चों को पूरा करने की राह निकाली जाएगी। वजह ये कि यदि 31 मार्च तक बजट या लेखानुदान बजट नहीं आता है, तो एक अप्रैल से कर्मचारियों के वेतन-भत्ते सहित अन्य आवश्यक खर्च भी रूक जाएंगे। इनके लिए आवंटन ही नहीं हो पाएगा। इसलिए वित्त विभाग ने बदली परिस्थति के हिसाब से अब लेखानुदान की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि इसमें भी नए मुख्यमंत्री और उनकी शपथ के हिसाब से ही आगे का शेड्यूल तय होगा।