उधर बीमा कंपनियों का कहना है कि शुक्रवार रात 12 बजे के बाद से नए नियम लागू हो जाएंगे। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि टू व्हीलर वालों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर चार पहिया वाहन वाले हर साल बीमा कराते ही हैं। इससे किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है बल्कि हर साल होने वाली परेशानी से मुक्ति ही मिलेगी।
न्यायालय का निर्देश दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय तीन साल तथा दो पहिया वाहनों के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी किया है। थर्ड पार्टी बीमा से वाहन मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के अलावा एक तीसरी पार्टी का भी इंश्योरेंस कवर होता है, जिसे पहली पार्टी यानी ग्राहक की कार या बाइक से दुर्घटना में नुकसान पहुंचे। नई कार या बाइक की खरीदी के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होकर ही गाड़ी निकलती है, लेकिन एक साल पूरा होने के बाद कई लोग उसे रिन्यू नहीं कराते हैं, लेकिन न्यायालय ने अब नई गाडिय़ों के लिए इसे कम के कम 3 से 5 साल कराना अनिवार्य कर दिया है।
डीलर प्वाइंट पर भी इंश्योरेंस की सुविधा दी गई है। रात 12 बजे के बाद साफ्टवेयर अपडेट होकर काम करने लगेगा। अभी तक जो साफ्टवेयर है, वह एक साल के लिए है।