सियाचिन के -40 डिग्री तापमान में बनाएगा बिजली
सियाचिन की बर्फीली बार्डर पर -40 डिग्री तापमान में सेना के जवानों को जनरेटर से ही काम चलाना पड़ता है। लेकिन जरुरत से ज्यादा ठंड होने के कारण यहां पर कई बार जनरेटर भी काम नहीं करता है जिससे जवानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। -33 डिग्री पर फ्यूल जाम हो जाने से वहां वॉकी-टॉकी, लाइटिंग व हीटिंग सिस्टम और बैटरी चार्जिंग सिस्टम सब ठप्प हो जाते हैं। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इंजीनियर विजय ममतानी ने सेना के जवानों के लिए जनरेटर बनाया है।
5 साल से कर रहे जनरेटर पर काम
मैनिट से इंजीनियरिंग करने वाले भोपाल के टीटी नगर निवासी विजय ममतानी पिछले पांच साल से सेना के लिए इस जनरेटर को बनाने का काम कर रहे हैं। इंडियन आर्मी की तरफ से उन्हें इसे बनाने का ऑडर मिला था और जनरेटर का पहला ट्रायल भी सियाचिन के आर्मी बेस कैंप पर इसी साल जनवरी-फरवरी के महीनों में हो चुका है। उम्मीद है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल अप्रैल के महीने तक ये जनरेटर सियाचिन के जवानों के पास पहुंच जाएगा।
स्मार्ट सिटी स्टार्टअप इनक्यूबेशन का हिस्सा हैं इंजीनियर विजय
इंजीनियर विजय ममतानी स्मार्ट सिटी स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर का हिस्सा हैं। वो आर्मी डिजाइन ब्यूरो की ओर से बीते साल दिसंबर में हुई आरटेक-2019 एग्जीबिशन में शामिल हुए थे जहां सेना के कई मेजर और कर्नल्स को उनका जनरेटर बेहद पसंद आय़ा था। उसके बाद इसी साल जनवरी के महीने में विजय के पास सेना की तरफ से फोन आया और पूछा गया कि क्या वो अपना जनरेटर लेकर सियाचिन आ सकते हैं। साथ ही ये भी बताया गया कि 15 हजार फीट की ऊंचाई पर -40 डिग्री का तापमान सियाचिन में है जिसके कारण जनरेटर काम नहीं कर पा रहे हैं। विजय जनरेटर लेकर पहले चंडीगढ़ पहुंचे और फिर वहां से हेलिकॉप्टर से सियाचिन। जहां जनरेटर का पहला सफल ट्रायल हुआ और 7 दिन की ट्रेनिंग भी जवानों को जनरेटर को ऑपरेटर करने के लिए दी गई।
जनरेटर में क्या है खास
विजय ममतानी का बनाया हुआ जनरेटर नेचुरल गैस से चलता है। नेचुरल गैस का फ्रीजिंग प्वाइंट -47 डिग्री है। इसलिए सियाचिन में इसका प्रयोग सफल रहा। इसी दौरान सेना के अधिकारियों ने विजय को बताया कि सियाचिन में मार्च से सितंबर के बीच अच्छी धूप रहती है और अगर जनरेटर सोलर तकनीक से काम करेगा तो अच्छा होगा। इसी वजह से अब इंजीनियर विजय अपने जनरेटर को सोलर और नेचुरल गैस दोनों से ही काम करने वाला बना रहे हैं और आशा है कि जल्द ही इसमें कामयाबी भी हासिल कर लेंगे।