अरेरा कॉलोनी से आते हुए वीर सावरकर सेतु से एक सड़क एम्स की ओर उतरती है। यह सड़क पूर्व में सीपीए ने बनाई थी। उस समय यह सड़क आवागमन के लिए सही थी। सीपीए की पहले से बनी सड़क के आधे हिस्से पर ही सेतु से एक संपर्क सड़क उतार दी गई है। इससे एक और समस्या पैदा हो गई है। अब पुल के नीचे से होकर एम्स जाने वाले वाहनों के लिए आधी ही सड़क बची है। इस सड़क पर एम्स की ओर से सामने से भी वाहन आते हैं तो निकलने के लिए जगह बहुत कम बचती है। सड़क पर पहले से डिवाइडर बना हुआ है और इस डिवाइडर पर बिजली की हाइटेंशन लाइन है। यदि यह लाइन शिफ्ट कर डिवाइडर को हटा दिया जाए तो वाहनों के गुजरने को पर्याप्त जगह मिल सकती है, जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी।
वीर सावरकर सेतु के नीचे अकसर पुलिस चेकिंग रहती है। एम्स की तरफ से बिना हेलमेट या तीन सवारी वाले दोपहिया वाहन चालक जब सेतु के पास पहुंचते हैं तो पुलिस को देखकर हड़बड़ा जाते हैं और चेकिंग/चालान से बचने के लिए उल्टा एम्स की तरफ वाहन दौड़ा देते हैं, जिससे अकसर दुर्घटना हो जाती है।
एचटी लाइन को शिफ्ट कराने के लिए बिजली कंपनी आसानी से परमीशन नहीं देती है। ऋषिपुरम-विवेकानंद कॉलोनी, भेल क्षेत्र में भी इसी तरह की समस्या है, जहां से एचटी लाइन हटाने के लिए बिजली कंपनी ने अभी तक हरी झंडी नहीं दी है। इस एचटी लाइन हटवाने के लिए भी प्रयास किया जाएगा, जिससे आवागमन में राहत हो सके।
– सीएस जायसवाल, प्रभारी-विद्युत, सीपीए