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MP के खेतों मे तैयार हो रहा है जवान बने रहने का फार्मूला, कैंसर से भी होगा बचाव

locationभोपालPublished: Oct 08, 2017 01:06:15 pm

फिलहाल कृषि विज्ञान केंद्रों में किया जा रहा है अनुसंधान। अब तक करीब 4 क्विंटल बीज हो चुके हैं इकट्ठा।

Formula for being young
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में इन दिनों नई नई किस्मों की फसलें तैयार की जा रही हैं। इसी के तहत एक नई किस्म की मक्का भी किसानों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि सुर्ख लाल रंग की इस मक्का में आंत, मुंह और स्तन कैंसर रोकने के गुण मौजूद हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा 10.5 फीसदी है, जो आम मक्का से करीब 25 फीसदी अधिक है। सूत्रों का कहना है कि यह मक्का भोपाल व मालवा से सटे कुछ क्षेत्रों सहित मालवा व प्रदेश के कई जिलों में पहुंचाई जा रही है।
जानकारों के मुताबिक इसमें पाया जाने वाला एंथोकायनिन फायटोकेमिकल एंटी एजिंग होता है, जो बुढ़ापे को जल्दी आने से भी रोकता है। फिलहाल कई कृषि विज्ञान केंद्रों में इस पर आगे का अनुसंधान किया जा रहा है।
जानिये खासियत :
– इसकी फसल 100 से 110 दिन में पककर तैयार होती है।

– इसका औसत उत्पादन 40-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

– पौे की ऊंचाई 8-9 फीट होती है। इसमें कीड़े भी कम लगते हैं।
– जो लोग मल्टी ग्रेन खाना पसंद करते हैं, वे इस मक्का को अन्य अनाज में मिलाकर खा सकते हैं।

– बाटी के आटे में भी इस मक्का को और प्रोटीनयुक्त बनाया जा सकता है।
– बेबी फूड और मिड-डे मील के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

वहीं प्रदेश के एक कृषि विज्ञान केंद्र में इस मक्का पर पांच साल से अनुसंधान चल रहा है। ये स्वीट कार्न है जिसे कच्चा खाने पर भी इसके दाने मीठे लगते हैं। इस समय अनाजों में अलग-अलग तत्व मिलाकर फोर्टिफाइड आटा बनाया जा रहा है, लेकिन इस मक्का की खासियत है कि यह अनुवांशिक रूप से फोर्टिफाइड है।
अभी कृषि विज्ञान केंद्र सहित राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र पर भी इसे उगाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोयाबीन अनुसंधान केंद्र में इस मक्का का टेस्ट हो चुका है। इससे प्रोटीन की मात्रा पता लगाई जा चुकी है। अब इसमें विटामिंस और मिनरल्स का पता लगाया जाएगा। इसके बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस मक्का में एंथोकायनिन नामक फायटोकेमिकल पाया जाता है।
कैंसर विशेषज्ञों का कहना है यह एंथोकायनिन ही कैंसर सहित अन्य बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होता है। यह तत्व मल्टीपरपज होता है, जो बुढ़ापा जल्द नहीं आने देता है।

हृदय और लिवर भी रहेंगे तंदुरुस्त:
मक्का की यह नई किस्म हृदय और लीवर के लिए भी फायदेमंद है। हाई कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने का गुण इसमें है। इस मक्का पर कुछ विशेषज्ञ लगातार काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कुछ साल पहले लुधियाना में देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र के सम्मेलन से वे इस मक्का का एक भुट्टा लेकर आए थे। इसके बाद एक भुट्टे के दाने निकालकर इसे मध्यप्रदेश के इंदौर में कस्तूरबा ट्रस्ट के खेत में बोया गया। इसे हर साल बोया जा रहा है और अब करीब 4 क्विंटल बीज इकट्ठा हो चुके हैं।

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