अगले माह 3 मई को अक्षय तृतीया को लेकर एक सप्ताह का समय बचा है, लेकिन नए दिशा निर्देशों के तहत न तो आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो पाई है, और न ही इसे लेकर प्रशासन ने कमेटी गठित की है। ऐसे में विवाह कराने वाने आयोजक भी सामूहिक वैवाहिक आयोजन को टालने में लगे हुए हैं। बता दें कि अक्षय तृतीया के दिन शहर में हजारों विवाह होते हैं, इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्या विवाह के तहत भी विवाह के आयोजन किए जाते हैं।

अब तक नहीें हुई सरकारी महकमों में प्रक्रिया पूरी
पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण इस महामुहूर्त पर विवाह नहीं हुए थे, मई 2020 और मई 2021 में कोरोना पीक पर होने के कारण शहर में विवाह नहीं हुए थे। ऐसे में इस बार इस महामुहूर्त का सभी को बेसब्री से इंतजार था। सरकार ने इस योजना का लाभ देने के दिशा निर्देश भी दिए लेकिन सरकारी महकमों में इसकी प्रकिया अब तक पूरी नहीं हो पाई। सामाजिक न्याय विभाग के उपसंचालक आरके ङ्क्षसह का कहना है कि कमेटी गठित होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।
अनिश्चितता में सरकारी मदद
शहर में अक्षय तृतीया के महामुहूर्त पर हर साल शहर में पारिवारिक और सामूहिक विवाह सम्मेलन मिलाकर तकरीबन दो हजार विवाह होते हैं। इस मुहूर्त पर 1200 से 1500 विवाह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत होते हैं। इसी प्रकार 500 से 700 शादियां मैरिज गार्डन, शादी हॉल सहित अन्य स्थानों पर होती है। इस बार सरकारी मदद में अनिश्चितता के कारण कार्यक्रम के आयोजन को लेकर आयोजक असमंजस में हैं।
- हर्षित तिवारी, उपायुक्त, नगर निगम
- विनोद पलया, समाजसेवी