इसको लेकर पशु चिकित्सा विभाग के महाविद्यालयों, अस्पतालों में कार्यरत प्राध्यापकों, चिकित्सकों और छात्रों के साथ मैदानी अमले को समझने और समझाने की जरूरत है। केरल देश का पहला राज्य है जहां एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग को लेकर सबसे पहले स्टेट एक्शन प्लान बनाकर उसे लागू किया गया है। ये बात केरल की स्टेट लैबोरेटरी के क्वालिटी मैनेजर डा. रॉबिन पॉल ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस के संबंध में मंगलवार को आयोजित पशु चिकित्सकों की राज्य स्तरीय कार्यशाला में कही।
पशु आहार बनाने वालों के लिए बनेगी गाइडलाइन
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग डीपी आहूजा ने कहा कि प्रदेश भर के पॉल्ट्री फॉर्म और डेयरी का पंजीयन कराने का काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही गाय ,भेंस, सहित मुर्गे-मुर्गियों के लिए भोज्य पदार्थ(एनिमल फीड़) बनाने वाली कंपनियों के लिए भी गाइड लाइन बनाई जाएगी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग डीपी आहूजा ने कहा कि प्रदेश भर के पॉल्ट्री फॉर्म और डेयरी का पंजीयन कराने का काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही गाय ,भेंस, सहित मुर्गे-मुर्गियों के लिए भोज्य पदार्थ(एनिमल फीड़) बनाने वाली कंपनियों के लिए भी गाइड लाइन बनाई जाएगी।
ताकि पशुओं के खान-पान में एंटीबायोटिक के दुरूपयोग को रोका जा सके। स्वास्थ्य विभाग की पीएस पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि केरल के बाद मप्र दूसरा राज्य है जहां एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस को लेकर स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है।
वन हेल्थ की अवधारणा पर स्वास्थ्य विभाग, वेटेनरी, एग्रीकल्चर, पर्यावरण आदि विभागों के साथ मिलकर इस प्लान पर काम किया जायेगा। वन हेल्थ के कॉन्सेप्ट में मनुष्यों (ह्यूमन), जानवरों (एनीमल), और पर्यावरण (एनवायरमेंट) में एंटीबायोटिक के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए काम किया जायेगा।
ये रहे मौजूद
कार्यशाला में एनएचएम की अपर मिशन संचालक, सलोनी सिडाना, उप संचालक डा. पंकज शुक्ला,एम्स भोपाल मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक डा. सागर खंडगा, के अलावा वेटेनरी कॉलेजों के प्राध्यापक, पशु चिकित्सक गण मौजूद रहे।
कार्यशाला में एनएचएम की अपर मिशन संचालक, सलोनी सिडाना, उप संचालक डा. पंकज शुक्ला,एम्स भोपाल मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक डा. सागर खंडगा, के अलावा वेटेनरी कॉलेजों के प्राध्यापक, पशु चिकित्सक गण मौजूद रहे।