उधर,जेल कॉलोनी से पकड़ाए पिस्टल और तलवार के अवैध कारोबार में लिप्त आरोपी हथियारों का हाईटेक गोरखधंधा कर रहे थे। पुलिस उनसे हथियारों की खरीददारी करने के लिए सौदागर बनकर मिली और दो आरोपियों को दबोच लिया। आरोपी केंद्रीय जेल से लगी कालोनी से अवैध हथियारों की तस्करी कर रहे थे। इसकी भनक न तो जेल प्रशासन को लगी और न ही पुलिस को। चौंकाने वाली बात यह है कि ये अवैध काम पुलिसकर्मियों के बच्चे कर रहे थे और हथियार की सप्लाई भी उन्हीं के बच्चों या मध्यस्थता करने वालों को देते थे। आरोपियों में जेल प्रहरी, बैंक से रिटायर्ड मैनेजर और हवलदार के बेटे शामिल हैं।
डीआइजी धमेन्द्र चौधरी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि जेल कॉलोनी से कुछ लोग अवैध हथियार बेचने का काम कर रहे हैं। सूचना के बाद पुलिस ने घेराबंदी की और अवैध हथियारों की तस्करी के लिए खुद ग्राहक बन गई। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर जेल कालोनी निवासी 23 वर्षीय देवेंद्र महावर और अशोका गार्डन निवासी उसके मामा के दो बेटे सगे भाई विनय और राहुल महावर भी पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ में देवेन्द्र ने बताया कि उसने अपने दोस्त मनीष विश्वकर्मा, राजकुमार उर्फ राजू त्यागी और पीयूष नायक के साथ एक नाबालिग दोस्त को पिस्टलें बेची हैं। पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों से सात पिस्टल और आठ तलवारें जब्त कर ली। पुलिस ने देवेन्द्र और विनय को २० अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर लिया है। पीआर के दौरान और आरोपियों के पकड़े जाने की आशंका है।