दरअसल इस पूरे मामले में एक ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर ने अपने सभी कर्तव्यों में से सबसे पहले मानवता को चुना और एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया।
हिन्दू मुस्लिम में अंतर करने वालों को यह जानकर आश्चर्य होगा एक टीआई जिनका नाम सुदेश तिवारी है ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ट्रैफिक जाम में फंसी एक जरूरतमंद शहर की मुस्लिम महिला को कार सहित न केवल जाम से बाहर निकालकर हॉस्पिटल तक पहुंचाया बल्कि उन्हें सुरक्षित और समय पर बाहर निकालने के लिए खुद कार तक चलाई।
हिन्दू मुस्लिम में अंतर करने वालों को यह जानकर आश्चर्य होगा एक टीआई जिनका नाम सुदेश तिवारी है ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ट्रैफिक जाम में फंसी एक जरूरतमंद शहर की मुस्लिम महिला को कार सहित न केवल जाम से बाहर निकालकर हॉस्पिटल तक पहुंचाया बल्कि उन्हें सुरक्षित और समय पर बाहर निकालने के लिए खुद कार तक चलाई।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार की सुबह मोहम्मद इकबाल अपनी पत्नी शहाना के साथ बेटी बसीरत फातिमा को लेकर हॉस्पिटल जा रहे थे। बेटी को लेबर पेन था। डिलीवरी कभी भी हो सकती थी। इसी समय राजभवन जाने वाला रास्ता बंद था। इस रास्ते से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला गुजरना था।
ट्रैफिक पुलिसवालों ने मोहम्मद इकबाल को रोशनपुरा के रास्ते से जाने के लिए कहा। सारा ट्रैफिक उस तरफ डायवर्ट कर दिया गया था, इसलिए रास्ते में बाणगंगा चौराहे पर पहुंचते ही गाड़ी जाम में फंस गई। बेटी का दर्द बढ़ता देख मोहम्मद इकबाल और उनकी पत्नी परेशान हो रहे थे। उन्होंने पास में खड़े ट्रैफिक पुलिसवालों से मदद मांगी।
राजभवन जाने वाला रास्ता बंद था। इस रास्ते से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफिला गुजरना था। ट्रैफिक पुलिसवालों ने मोहम्मद इकबाल को रोशनपुरा के रास्ते से जाने के लिए कहा। सारा ट्रैफिक उस तरफ डायवर्ट कर दिया गया था, इसलिए रास्ते में बाणगंगा चौराहे पर पहुंचते ही गाड़ी जाम में फंस गई। बेटी का दर्द बढ़ता देख मोहम्मद इकबाल और उनकी पत्नी परेशान हो रहे थे। उन्होंने पास में खड़े ट्रैफिक पुलिसवालों से मदद मांगी।
इमर्जेंसी देख खुद को रोक नहीं सके TI
TI तिवारी को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली वे सीधे उस जगह पर जा पहुंचे जहां महिला की कार फंसी थी, उनकी इमर्जेंसी देख खुद को रोक नहीं सके और राष्ट्रपति के वहां से जाने की जानकारी होते हुए भी उनकी मदद का फैसला ले लिया। अब समस्या ये थी कि कार कैसे निकाली जाए साथ ही रास्ते में सुरक्षा के लिए लगे पुलिसकर्मी गाड़ी को नहीं रोक लें, इन सब समस्याओं से बचाने के लिए टीआई तिवारी खुद कार को ड्राइव कर जाम के पार तक ले गए। वहीं परिजनों ने डीजीपी तक को ट्वीट कर इसके लिए धन्यवाद दिया।
TI तिवारी को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली वे सीधे उस जगह पर जा पहुंचे जहां महिला की कार फंसी थी, उनकी इमर्जेंसी देख खुद को रोक नहीं सके और राष्ट्रपति के वहां से जाने की जानकारी होते हुए भी उनकी मदद का फैसला ले लिया। अब समस्या ये थी कि कार कैसे निकाली जाए साथ ही रास्ते में सुरक्षा के लिए लगे पुलिसकर्मी गाड़ी को नहीं रोक लें, इन सब समस्याओं से बचाने के लिए टीआई तिवारी खुद कार को ड्राइव कर जाम के पार तक ले गए। वहीं परिजनों ने डीजीपी तक को ट्वीट कर इसके लिए धन्यवाद दिया।
पुलिस ने टीआई को भी रोका
सुदेश तिवारी बताते हैं कि राष्ट्रपति के लिए पूरी तरह ट्रैफिक रोक दिया गया था। जब वह प्रसूता की कार लेकर बीआरटीएस से जा रहे थे तो कई पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। उन्हें भी इमरजेंसी बतानी पड़ी।
सुदेश तिवारी बताते हैं कि राष्ट्रपति के लिए पूरी तरह ट्रैफिक रोक दिया गया था। जब वह प्रसूता की कार लेकर बीआरटीएस से जा रहे थे तो कई पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका। उन्हें भी इमरजेंसी बतानी पड़ी।
वहीं टीआई की इन कोशिशों के बाद कोहेफिजा अस्पताल पहुंची बसीरत की आधे घंटे बाद डिलीवरी हुई। उन्होंने प्यारी से बेटी को जन्म दिया। लखनऊ से बशीरत के पति मोहम्मद मोहिनुद्दीन भोपाल पहुंचे, तो उन्हें सारा माजरा पता चला। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर सुदेश तिवारी का शुक्रिया अदा करते हुए डीजीपी को ट्वीट किया।
इसके बाद से ही सुदेश को बहुत से लोग शुक्रिया कह रहे हैं। हालांकि सुदेश का कहना है कि उन्होंने सिर्फ अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया। लेकिन ऐसे वक्त में जब धार्मिक असहिष्णुता देशभर में फैल रही है, तो यह माजरा सिर्फ ड्यूटी पूरी करने से बढ़कर मालूम देता है।
गर्भवती की मदद करने वाले टीआई का सम्मान –
राष्ट्रपति का काफिला निकलने के दौरान रोके गए वाहनों के जाम में फंसी महिला की कार को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले हनुमानगंज टीआई सुदेश तिवारी को सोमवार को डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने सम्मानित किया।
राष्ट्रपति का काफिला निकलने के दौरान रोके गए वाहनों के जाम में फंसी महिला की कार को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले हनुमानगंज टीआई सुदेश तिवारी को सोमवार को डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने सम्मानित किया।
डीआईजी कार्यालय में सोमवार दोपहर शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने तिवारी को प्रशस्ति पत्र भेंट करने के साथ उनकी मानवीयता और समय पर उठाए गए कदम की प्रशंसा की। गौरतलब है कि ग्रीन मीडोज कॉलोनी निवासी इकबाल शनिवार सुबह गर्भवती बेटी को प्रसव पीड़ा होने पर कार से अस्पताल लेकर निकले थे। कोहेफिजा की ओर जाते समय पॉलीटेक्निक कॉलेज चौराहे पर उनकी कार जाम में फंस गई। टीआई को पता लगा, तो उन्होंने स्वयं कार बाहर निकाली थी।