scriptबदमाश का पासपोर्ट बनाने वाले टीआई को सजा की जगह दिया इनाम का तोहफा | TI to make a badass passport a reward for a reward | Patrika News

बदमाश का पासपोर्ट बनाने वाले टीआई को सजा की जगह दिया इनाम का तोहफा

locationभोपालPublished: Jan 25, 2019 07:52:35 am

Submitted by:

Satendra bhadoria

गृहमंत्री बोले अब विभागीय जांच के साथ होगी निलंबन की कार्रवाई
 

भोपाल। पासपोर्ट वेरीफिकेशन मामले में राजधानी के टीटी नगर थाने से हटाए गए टीआई को पंद्रह दिन के अंदर सजा की जगह इनाम का तोहफा मिला है। तत्कालीन डीआइजी रहे धर्मेन्द्र चौधरी ने गुपचुप तरीके से उन्हें नए थाने हबीबगंज की कमान सौंप दी और पासपोर्ट संबंधी लिखा-पढ़़ी करने वाले सिपाही को बैरागढ़ थाने में ट्रांसफर कर दिया। चर्चा है कि हबीबगंज थाना प्रभारी की कमान के लिए लेन-देन हुआ। टीआई ने तीन दिन पहले गुपचुप तरीके से थाने का चार्ज भी ले लिया। जबकि भोपाल रेंज आईजी को इस तबादले की भनक तक नहीं, चूंकि वह छुट्टी पर थे।
यह है मामला
टीटी नगर थाना प्रभारी रहे तत्कालीन टीआई आलोक श्रीवास्तव ने टीटी नगर थाने की गुंडा लिस्ट में शामिल बदमाश करण सिंह उर्फ लालू के पासपोर्ट की वेरीफिकेशन कर दिया। बदमाश करण सिंह उर्फ लालू पर करीब दो दर्जन अपराध दर्ज हैं। पुलिस उस पर जिला बदर के साथ एनएस की कार्रवाई कर चुकी है। अपराध के साथ जिला बदर और एनएस की कार्रवाई को नजरअंदाज करते हुए उसका पासपोर्ट वेरीफिकेशन कर दिया गया था।
एएसपी को सौंपी थी जांच
गंभीर अपराध दर्ज और जिलाबदर व एनएएस की कार्रवाई के बाद बदमाश के पासपोर्ट वैरीफिकेशन में किस स्तर पर लापरवाही हुई, उसका पासपोर्ट कैसे बन गया। तत्कालीन थाना प्रभारी रहे आलोक श्रीवास्तव के साथ डीएसबी (विशेष शाखा) ने क्या देखा, इसकी जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन डीआइजी धमेन्द्र चौधरी ने एएसपी संजय साहू को सौंपी थी। लेकिन यह जांच भी खानापूर्ति बनकर रह गई। जबकि पासपोर्ट कार्यालय ने लिखकर दिया कि जो रिपोर्ट पुलिस वेरीफिकेशन और डीएसबी से आई थी, उसमें बदमाश के अपराधों का कोई जिक्र नहीं था।
बदमाश के पासपोर्ट मामले में मैंने आइजी भोपाल को टीआई की भूमिका की जांच करने के लिए कहा था। बिना जांच और कार्रवाई के टीआई को फिर से थाने की कमान कैसे सौंप दी है, यह विषय ही बड़ा है। फिर से थाने की जिम्मेदारी सौंपने की जानकारी सामने आई है। मैं इस संबंध में अधिकारियों से बात करता हूं।
बाला बच्चन, गृह एवं जेल मंत्री

ट्रांसफर के बाद जाते-जाते टीआई की पदस्थापना करना, यह सरासर नियम विरूद्ध है। मैं इस दौरान छुट्टी पर था। मामला संज्ञान में आया है। जांच के लिए डीआइजी इरशाद वली को बोला है।
जयदीप प्रसाद, आइजी भोपाल रेंज
गंभीर अपराध दर्ज होने के साथ जिस बदमाश पर जिला बदर और एनएस की कार्रवाई हुई है, बावजूद उसके उसका पासपोर्ट वेरीफिकेशन हो गया। ऐसे में बिना जांच के टीआई को फिर से थाने की कमान देना, कहीं न कहीं सवालिया निशान खड़े करता है।
अरूण गुर्टू, रिटायर्ड डीजीपी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो