415 बाघ हैं मध्य प्रदेश में
80 कान्हा टाइगर रिजर्व में
60 बांधवगढ़ में
9 साल बाद फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने की उम्मीद
(स्रोत-एनटीसीए)
आवाजाही कम हो
सीसीएमबी ने रिपोर्ट में बाघों में तनाव कम करने के सुझाव भी दिए हैं। इसमें टाइगर रिजर्व में वाहनों की आवाजाही कम करने पर ज्यादा जोर दिया गया है।
केंद्र सरकार को जल्द भेजी जाएगी रिपोर्ट
सीसीएमबी के वैज्ञानिक डॉ. जी. उमापति और उनकी टीम ने मध्यप्रदेश के दो टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ और कान्हा के बाघों पर अध्ययन किया। टीम ने यहां बाघों के मल-मूत्र के 341 सैंपल एकत्रित किए। सीसीआइएम जल्द ही केंद्र और प्रदेश सरकार को भी अपनी रिपोर्ट भेजेगा।
मल-मूत्र में तनाव बढ़ाने वाले रसायन
बाघों के मल-मूत्र के सैंपल में वैज्ञानिकों को चौंकाने वाले साक्ष्य मिले। जब पयर्टक ज्यादा थे तब फेकल ग्लूकोकॉर्टिकोइड मेटाबोलाइट (एफजीसीएम) की मात्रा बहुत बढ़ी हुई थी। पर्यटक कम थे, तो यह स्तर सामान्य स्तर पर था। एफजीसीएम बाघों में तनाव का ***** है।
रिपोर्ट देखने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया
मेरे पहले बांधवगढ़ और कान्हा में सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) हैदराबाद ने बाघों पर स्टडी की है। रिपोर्ट अभी मेरे देखने में नहीं आई है। देखने के बाद ही कुछ कह सकता हूं। द्गयू प्रकाशम, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ