इससे उनके चिड़चिड़े होने व प्रजनन प्रभावित होने का खतरा भी काफी बढ़ गया है। मंगलवार को चंदनपुरा टाइगर मूवमेंट एरिया में चल रही पोकलेन को भी सीसीएफ भोपाल ने एक्टिविस्ट की सूचना पर रुकवाया। इससे पहले यहां खनन को लेकर कई शिकायतें मिली थी। मामले में स्थानीय लोगों के विरोध के बाद इसमें कुछ सुधार तो हुए लेकिन बैरियर नहीं सुधरने। यहां कुछ दिन पहले जेसीबी व दो डम्पर्स को पकड़ा गया था।
वन क्षेत्र में हो रहा था खनन
रात को मौका पाते ही कोपरा का खनन शुरू हो जाता हैं। रहवासियों का कहना है कि रोजाना करीब 25-30 डम्पर कोपरा यहां से अवैध उत्खनन कर ले जाया जाता है। उत्खनन के चलते डम्पर/ट्रक तेजी से गुजरते हैं, जिससे टाइगर व वन्यजीवों को हमेशा खतरा बना रहता है। अभी एनजीटी बेंच नहीं बैठ रही है। इसलिए इस क्षेत्र में अवैध उत्खनन, अतिक्रमण व पेड़ काटने जैसी गतिविधियां जोरों पर हैं। बताया गया कि भदभदा पुल से डम्पर/ट्रक निकालने से उनके चालक बचते हैं। वहां शुल्क देना पड़ता है। टाइगर मूवमेंट एरिया से रातभर डम्पर धड़धड़ाते हुए दौड़ते हैं। वन विभाग के बैरियर्स भी डम्पर कई बार तोड़ चुके हैं। डम्पर चालकों के खौफ से बैरियर्स पर तैनात वनकर्मियों की हिम्मत उन्हें रोकने की नहीं होती। उन्हें यह डर रहता है कि कहीं डम्पर चालक बैरियर के साथ उन्हें भी उड़ाकर न चला जाए।
इनका कहना
मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट से लौटते वक्त रास्ते में ही चंदनपुरा टाइगर मूवमेंट एरिया में पोकलेन चलाए जाने की सूचना मिली थी, जिसे रुकवा दिया गया था। वनकर्मियों की हड़ताल से परेशानी हो रही है। उनकी हड़ताल खुलते ही टूटे बैरियर्स ठीक कराए जाएंगे और साईं हिल्स के पास नया बैरियर बनाया जाएगा।
-डॉ. एसपी तिवारी, सीसीएफ