कान्हा और बांधवगढ़ नेशलन पार्क में कैमरे लगाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। इसमें यह संभावनाएं तलाशे जा रहे हैं कि किन-किन स्थानों पर कैमरे लगाए जाएं, जिससे कम से कम कैमरों में ज्यादा से ज्यादा पार्क कवर हो सके। कैमरे किन-किन क्षेत्रों में लगाए जाएं, जिससे पूरा पार्क कैमरे में कवर हो सके।
रातापानी अभ्यारण्य में सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है, यहां सात कैमरे लगाए जाएंगे। इसका एक कंट्रोल कमांड सेंटर क्षेत्रीय निदेशक और डीएफओ के पास होगा। जिससे अगर किसी तरह के शिकार, अवैध उत्खनन, पेड़ों के कटाई की जाती है तो इसकी इमेज वहां संबंधित अधिकारी के पास तक पहुंच जाएगी।
गश्ती दल पर रहेगी निगाहें
थर्मल कैमरे के माध्यम से नेशलन पार्क की सुरक्षा कर रहे गश्ती दल पर रहेगी। यह देखा जाएगा कि कौन से डिप्टी रेंजर, वन रक्षक और वन पाल किस क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं, इनका वास्तविक लोकेशन कैमरे से मिल सकेगा।
अगर इन लोगों ने अवैध कटाई करने वालों से किसी तरह से लेनदेन कर उसे छोड़ देते तो इसकी भी जानकारी इस कैमरे में कैद हो जाएगी। अवैध उत्खनन कर ट्रेक्टर ट्रालियों की इमेज मैय नम्बर के इस कैमरे के माध्यम से वन विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंच सकेगी।
केरवा सहित अन्य 7 स्थानो पर लगाए थे कैमरे
केरवा, कठौतिया सहित अन्य भोपाल के आस-पास के जंगलों में सात थर्मल कैमरे लगाए गए थे। इन कैमरों के माध्यम से बाघों की हर्कतों पर निरंतर नजर रखी जा रही है। क्योंकि यह क्षेत्र बाघों और लोगों की सुरक्षा की दृष्ठि से काफी महत्वपूर्ण था। बेहतर परिणाम आने के कारण वन विभाग कान्हा, बांधवगढ़ और रातापानी अभ्यारण में कैमरे लगाने का निर्णय वन विभाग ने लिया है।
बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए नेशलन पार्कों में कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। सुरक्षा और उनके हर्कतों का पकडऩे के लिए ये कैमरे काफी उपयोगी हैं।
– यू प्रकाशम, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ