पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन संगठन भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून ( fridu) ने वनों की मौजूदा स्थिति पर यह रिपोर्ट दी है। इसमें वन एवं वन संसाधनों के आकलन के लिए भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्स सेट- 2 से मिले आंकड़ों को शामिल किया गया है। आंकड़ों की जांच वैज्ञानिक पद्धति से की गई है। इस रिपोर्ट में वन एवं वन संसाधनों के आकलन के लिए पूरे देश में 2200 से अधिक स्थानों से मिले आंकड़ों का प्रयोग किया गया है। रिपोर्ट में ‘वनों के प्रकार एवं जैव विविधता’ नामक एक नए अध्याय को जोड़ा गया है। इसके तहत वृक्षों की प्रजातियों को 16 मुख्य वर्गों में विभाजित करके उनका ‘चैंपियन एवं सेठ वर्गीकरण’ के आधार पर आकलन किया जाएगा।
वर्ष 1936 में हैरी जॉर्ज चैंपियन ने भारत की वनस्पति का सबसे लोकप्रिय एवं मान्य वर्गीकरण किया था। वर्ष 1968 में चैंपियन एवं एसके सेठ ने मिलकर स्वतंत्र भारत के लिए इसे पुन: प्रकाशित किया। यह वर्गीकरण पौधों की संरचना, आकृति विज्ञान और पादपी स्वरूप पर आधारित है। इस वर्गीकरण में वनों को 16 मुख्य वर्गों में विभाजित कर उन्हें 221 उपवर्गों में बांटा गया है। वनों में रहने वाले व्यक्तियों की ईंधन, चारा, इमारती लकडिय़ों एवं बांस पर आश्रितता के आकलन के लिए राष्ट्रीयस्तर का अध्ययन किया गया है। भारतीय वन सर्वेक्षण ने भूमि के ऊपर स्थित जैवभार के आकलन के लिए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय स्तर की परियोजना प्रारंभ की है और असम राज्य में भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर जैवभार का आकलन किया जा चुका है।
– कम हो गया रिकार्डेड फॉरेस्ट एरिया
अधिनियम या नियम के तहत वन के रूप में अधिसूचित किया हो या उसे सरकारी रिकॉर्ड में ‘वन’ के रूप में दर्ज किया गया हो। 2019 की रिपोर्ट में के अनुसार, भारत के रिकार्डेड फॉरेस्ट एरिया में 330 (0.05%) वर्ग किलोमीटर की मामूली कमी आई है। भारत में 62,466 आद्र्रभूमियां देश के क्षेत्र के लगभग 3.83त्न क्षेत्र को कवर करती हैं। भारतीय राज्यों में गुजरात का सर्वाधिक और दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल का आद्र्रभूमि क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वर्तमान आकलन के अनुसार भारत के वनों का कार्बन स्टॉक लगभग 7,142.6 मिलियन टन अनुमानित है। वर्ष 2017 के आकलन की तुलना में इसमें लगभग 42.6 मिलियन टन की वृद्धि हुई है। भारतीय वनों की कुल वार्षिक कार्बन स्टॉक में वृद्धि 21.3 मिलियन टन है, जो कि लगभग 78.1 मिलियन टन कार्बन डाई ऑक्साइड के बराबर है। भारत के ‘वनों में मृदा जैविक कार्बन’ कार्बन स्टॉक में सर्वाधिक भूमिका निभाते हैं, जो अनुमानत: 4004 मिलियन टन की मात्रा में उपस्थित हैं। भारत के वनों के कुल कार्बन स्टॉक में लगभग 56त्न का योगदान देते हैं।
– बांस भूमि में हुई 3,229 वर्ग किमी की वृद्धि
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बांस भूमि लगभग 1,60,037 वर्ग किमी है। 2017 की तुलना में इसमें 3,229 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। देश में मैंग्रोव वनस्पति में वर्ष 2017 के आकलन की तुलना में 54 वर्ग किमी (1.10%) की वृद्धि हुई है। भारत के पहाड़ी जिलों में वनावरण क्षेत्र 2,84,006 वर्ग किमी है, जो इनके भौगोलिक क्षेत्रफल का 40.30% है। वर्तमान आकलन में 2017 की तुलना में भारत के 144 पहाड़ी जिलों में 544 वर्ग किमी (0.19%) की वृद्धि देखी गई है।
– कम हो गया कुल वनावरण क्षेत्र
भारत के जनजातीय जिलों में कुल वनावरण क्षेत्र 4,22,351 वर्ग किमी है जो इनके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 37.54% है। वर्तमान आकलन के मुताबिक इन जिलों में इस वनावरण क्षेत्र में 741 वर्ग किमी की कमी आई है तथा बाहर के वनावरण क्षेत्र में 1,922 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। उत्तर-पूर्व क्षेत्र में वनावरण क्षेत्र 1,70,541 वर्ग किलोमीटर है। यह इसके ्रभौगोलिक क्षेत्रफल का 65.05% है। उत्तर-पूर्वीय क्षेत्र में कुल वनावरण क्षेत्र में 765 वर्ग किमी की कमी आई है। असम और त्रिपुरा को छोड़कर बाकी सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों के वनावरण क्षेत्र में कमी आई है। भारत में वनों पर ईंधन की लकडिय़ों के लिए आश्रित राज्यों में महाराष्ट्र सर्वाधिक आश्रित राज्य है।
– 2019 से संबंधित प्रमुख तथ्य
देश में वनों एवं वृक्षों से आच्छादित कुल क्षेत्रफल 8,07,276 वर्ग किलोमीटर (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.56%)
– भौगोलिक क्षेत्रफल का वनावरण क्षेत्र 7,12,249 वर्ग किमी. (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 21.67%)
– कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का वृक्षावरण क्षेत्र 95,027 वर्ग किमी. (कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.89%)
– वनाच्छादित क्षेत्रफल में वृद्धि 3,976 वर्ग किलोमीटर (0.56%)
– वृक्षों से आच्छादित क्षेत्रफल में वृद्धि 1,212 वर्ग किलोमीटर (1.29%)
– वनावरण और वृक्षावरण क्षेत्रफल में कुल वृद्धि 5,188 वर्ग किलोमीटर (0.65%)
– सर्वाधिक वनावरण
मिजोरम – 85.41
अरुणाचल प्रदेश – 79.63
मेघालय – 76.33
मणिपुर- 75.46
नगालैंड- 75.31
(वनावरण प्रतिशत में।)
– सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले राज्य
मध्यप्रदेश- 77,482 वर्ग किलोमीटर
अरुणाचल प्रदेश – 66,688 वर्ग किलोमीटर
छत्तीसगढ़ – 55,611 वर्ग किलोमीटर
ओडिशा – 51,619 वर्ग किलोमीटर
महाराष्ट्र – 50,778 वर्ग किलोमीटर
– वन क्षेत्रफल में वृद्धि वाले शीर्ष राज्य
कर्नाटक – 1,025 वर्ग किलोमीटर
आंध्र प्रदेश – 990 वर्ग किलोमीटर
केरल – 823 वर्ग किलोमीटर
जम्मू-कश्मीर – 371 वर्ग किलोमीटर
हिमाचल प्रदेश – 334 वर्ग किलोमीटर