11 जोड़ी मुख्य ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव किया जाएगा। रेल अधिकारियों का कहना है कि टाइम-टेबल में कुछ इस तरह परिवर्तन किए जा रहे हैं, जिसका फायदा सीधेतौर पर यात्रियों को मिल सके। तिरुअनंतपुरम में पश्चिम क्षेत्र की मीटिंग होगी, जिसमें एक जुलाई से होने वाले परिवर्तन पर मुहर लग जाएगी।
बदल सकता है इनका समय
शताब्दी 18 से 25 मिनिट, कामायनी 22 से 35 मिनिट, कर्नाटक 15 से 20 मिनिट, तमिलनाडु 12 से 18 मिनिट, केरल 11 से 15 मिनिट, जीटी 9 से 14 मिनिट, जयपुर-चेन्नई 11 से 15 मिनिट, गोवा 12 से 18 मिनिट, यशवंतपुर संपर्कक्रांति 10 से 12 मिनिट, ग्वालियर इंटरसिटी 17 से 23 मिनिट व इंदौर-उज्जैन 15 से 20 मिनिट पहले पहुंचने लगेंगी।
अफसर ट्रेनों के स्लीपर कोच में सफर करेंगे
दूसरी ओर भोपाल रेलवे मंडल एक अभियान चलाएगा। रेलवे के अफसर ट्रेनों के स्लीपर कोच में सफर करेंगे। सफर के दौरान पेंट्रीकार से खाना ऑर्डर कर स्वाद लेंगे। खाने की गुणवत्ता खराब निकली तो ऑन द स्पॉट फाइन लगाएंगे। वेंडर और कांट्रेक्टर पर ऑन द स्पॉट फाइन लगाएंगे। 1 हजार से लेकर 20 हजार तक फाइन देने होंगे। DRM ने पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में ड्राइव लगाने के निर्देश दिए हैं।
टीटीई छुपा नहीं सकेंगे खाली बर्थ
अब चलती ट्रेन में भी वेटिंग टिकट वाले यात्रियों के टिकट कंफर्म हो सकेंगे। मंडल के सभी टीटीई को हैंड होल्डिंग डिवाइस के जरिए रियल टाइम में आरक्षित सीट के खाली होने की सूचना अपटेड करनी होगी। इसकी मदद से खुद-ब खुद वेटिंग टिकट वाले यात्री की सीट कंफर्म हो जाएगी। इसका मेसेज भी यात्री के मोबाइल पर आ जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में गाड़ी छूटने से करीब आधे घंटे पहले चार्ट बन जाता है। इसके बाद चलती ट्रेन पर अगर सीट खाली रहती है तब टीटीई मैनुअल तरीके से इसे पहले आरएसी और उसके बाद वेटिंग यात्रियों को जगह देता है लेकिन, मैनुअल होने की वजह से अधिकांश मामलों में टीटीई की मनमर्जी चलती है।