गुलशेर अहमद को देना पड़ा था इस्तीफा
अयोध्या में बाबरी ढ़ाटा गिराए जाने के बाद मध्यप्रदेश की सुंदरलाल पटवा की सरकार को केन्द्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। उसके बाद 1993 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस विधानसभा चुनावमें कांग्रेस सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलेशर अहमद के बेटे सईद अहमद को टिकट दिया था। उस समय गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। बेटे को टिकट मिलने के बाद गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश से सतना आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। जिसकी एक तस्वीर अखबार में छप गई थी।
अयोध्या में बाबरी ढ़ाटा गिराए जाने के बाद मध्यप्रदेश की सुंदरलाल पटवा की सरकार को केन्द्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। उसके बाद 1993 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। इस विधानसभा चुनावमें कांग्रेस सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलेशर अहमद के बेटे सईद अहमद को टिकट दिया था। उस समय गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। बेटे को टिकट मिलने के बाद गुलशेर अहमद हिमाचल प्रदेश से सतना आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने बेटे के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था। जिसकी एक तस्वीर अखबार में छप गई थी।
चुनाव आयोग ने माना था आचार संहिता का उल्लंघन
इस तस्वीर की जानकारी जब चुनाव आयोग को मिली थी चुनाव आयोग ने इस पर नाराजगी जताई। टीएन शेषन उस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे और उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। जिसके बाद गुलशेर अहमद को हिमाचल के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस तस्वीर की जानकारी जब चुनाव आयोग को मिली थी चुनाव आयोग ने इस पर नाराजगी जताई। टीएन शेषन उस समय देश के मुख्य चुनाव आयुक्त थे और उन्होंने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। जिसके बाद गुलशेर अहमद को हिमाचल के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
बेटा हार गया था चुनाव
इस चुनाव में कांग्रेस के नेता सईद अहमद अपना चुनाव हार गए थे। उन्हें भाजपा उम्मीदवार ने चुनाव हराया था। सईद अहमद को इस चुनाव में 23,271 वोट मिले थे जबकि भाजपा उम्मीदवार ब्रजेन्द्र पाठक को 24,808 वोट मिले थे।
इस चुनाव में कांग्रेस के नेता सईद अहमद अपना चुनाव हार गए थे। उन्हें भाजपा उम्मीदवार ने चुनाव हराया था। सईद अहमद को इस चुनाव में 23,271 वोट मिले थे जबकि भाजपा उम्मीदवार ब्रजेन्द्र पाठक को 24,808 वोट मिले थे।
मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता थे गुलशेर अहमद
गुलशेर अहमद मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेता थे। वो अमरपाटन विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं। जबकि 1972 में गुलशेर अहमद में मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 में गुलशेर अहमद का निधन हो गया था।
गुलशेर अहमद मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेता थे। वो अमरपाटन विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं। जबकि 1972 में गुलशेर अहमद में मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 में गुलशेर अहमद का निधन हो गया था।