इधर सेकंड डोज की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ी है, जिले में 9 लाख 37 हजार 131 लोग सेकंड डोज लगवाकर पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में आ गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इसी रफ्तार से सेकंड डोज वैक्सीनेशन चलता रहा तो फस्र्ट डोज से कहीं ज्यादा जल्दी सेकंड डोज लोगों को लग जाएगी। क्योंकि फस्र्ट डोज लगवाते समय लोगों के अंदर जो शंका थी वो वैक्सीन लगाने के बाद दूर हो गई।
कोरोना को हराने में युवा आगे
जिले में सबसे ज्यादा 18 से 44 वर्ष के लोगों को फस्र्ट डोज लगी है। इससे साफ होता है कि कोरोना को हराने में युवा सबसे आगे रहे हैं। दूसरी लहर के बाद 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद स्कूलों में बनाए गए सेंटरों में युवाओं की भीड़ ही सबसे ज्यादा होती थी। काफी बड़ी संख्या में युवा तो जिले के बॉर्डर पर बने वैक्सीनेशन सेंटरों पर टीके लगवाने पहुंचे थे। सबसे ज्यादा युवाओं की भागीदारी हुजूर और कोलार तहसील में देखने को मिली है। भोपाल में फंदा ब्लॉक करीब एक माह पूर्व ही 100 फीसदी फस्र्ट डोज कम्पलीट कर चुका है।
आंकड़ों में वैक्सीनेशन
भोपाल में फस्र्ट डोज का लक्ष्य—19 लाख 49 हजार 480
फस्र्ट डोज कम्पलीट कर चुके—19 लाख 32 हजार 660(22 सितंबर शाम पांच बजे तक )
फस्र्ट डोज लक्ष्य पूरा करने में बाकी–16 हजार 820 डोज
18 से 44 वर्ष के लोग– 17 लाख 97 हजार 765
45 से 60 वर्ष के लोग–6 लाख 95 हजार 649
60 वर्ष से ऊॅपर——-3 लाख 76 हजार 377
कोविशाील्ड———-25 लाख 23 हजार 703
कौवेक्सीन———–3 लाख 44 हजार 477
कुल वैक्सीेनेशन——28 लाख 69 हजार 791
वर्जन
फस्र्ट डोज पूरा कराने के लिए जिले में बचे हुए लोगों की तलाश जारी है। कोशिश है कि 27 सितंबर से पहले ही जिले में फस्र्ट डोज पूरा करा दिया जाए।
अविनाश लवानिया, कलेक्टर