राजधानी भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में स्थिति महिला अधिकारियों और पुलिसर्मियों को थानों में टॉयलेट न होने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने गुरुवार को महिला पुलिसकर्मियों से चर्चा के दौरान एडीएम को एक माह में पुलिस थानों में महिलाओंं के लिए टॉयलेट बनवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निदेश दिए कि महिला थानों में दर्ज होने वाले महिला प्रताडऩा के मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। वहीं जहां तक संभव हो सके एसपी स्तर तक ही मामले को निपटाया जाए, एडीजी तक न पहुंचाया जाए।
सबसे बड़ी समस्या
सुषमा साहू ने कहा कि स्पेशल क्राइम ब्रांच में महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट बनाए जाएं। ये महिला अफसरों और अन्य महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी समस्या है, जिसका ध्यान ही नहीं रखा जाता।
चाहें तो मेरी सैलरी से ले लें पैसा
साहू ने कहा कि महिला थानों में भी महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है, यह हैरानी की बात है। उन्होंने इस चर्चा में निर्देश दिए कि हर महिला थाने में महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्थाएं प्रॉपर हों। अगर न हो पाए तो टॉयलेट के लिए मेरी सैलरी में से पैसे ले लें।
* मैदानी महिला पुलिसकर्मियों की इस समस्या की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को भी है, लेकिन इसके बावजूद न तो व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कोई कदम उठाया गया न ही यह तक पता ही लगवाया गया कि कितने थानों में सुविधा उपलब्ध है और कितनों में अलग सुविधाघर बनवाए जाने होंगे।
* पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों, खासकर मैदानी स्टाफ की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
* वर्तमान में 1800 से अधिक महिला पुलिसकर्मी मैदानी ड्यूटी कर रही हैं।
* उस समय मप्र पुलिस एआईजी कल्याण शाखा अंशुमान अग्रवाल ने कहा था प्रदेश में कितने थानों में महिलाओं के लिए अलग सुविधाघर हैं इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, ड्यूटी के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को हो रही समस्याओं की बात सामने आई है, इस पर विचार किया जा रहा है। अलग सुविधाघर उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव बनाया जाएगा। लेकिन तब के बाद आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।