दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों की राजधानियों से कच्चा माल आना भी आसान होगा. दिल्ली-मुंबई और गुजरात-राजस्थान की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को भी सहूलियत हो जाएगी. इन जिलों के छात्रों को कोचिंग सिटी कोटा पहुंचने में कम समय लगेगा. पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. औद्योगिक एवं वित्तीय विकास से नौकरियों के अवसर बनेंगे.
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद प्रदेश के भोपाल, उज्जैन, इंदौर की जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यापारिक केंद्र के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी. रतलाम रेल मंडल होने से कनेक्टिविटी मिलेगी. रतलाम के आसपास उज्जैन, नीमच, इंदौर को भी इसका फायदा मिलेगा. भोपाल के आसपास के शहरों से दिल्ली-मुंबई के लिए नया रास्ता खुलेगा. मध्यप्रदेश में इस एक्सप्रेस वे के अंतर्गत 214 पुल, 511 पुलिया और 100 छोटे-बड़े अंडरपास बन रहे हैं. खास बात यह है कि एक्सप्रेस वे के लिए 7 टोल बूथ भी बनाए जा रहे हैं.