दरअसल, मामला अशोकनगर जिले के मुंगावली का है, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हेलीकॉप्टर से एक सभा में गए थे। हेलीपैड पर दो हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के लिए तैयार खड़े थे। सभा के बाद मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर में जाने लगे तभी दोनों हेलीकॉप्टर की पंखुड़ियों के ऊपर एक ड्रोन (drone) भी उड़ते हुए आ गया। वहां मौजूद पुलिस के अधिकारियों की नजर जब उस ड्रोन पर पड़ी तो हड़कंप मच गया।
पंखुड़ियों में उलझने से बच गया ड्रोन
हेलीकॉप्टर में मौजूद पायलट को जब यह बता चला कि तो उन्होंने अधिकारियों को बताया कि हेलीकॉप्टर की पंखुड़ियों में यह उलझ सकता था। तुरंत ही अधिकारियों ने इस ड्रोन को नीचे उतरवाया। ग्वालियर जोन के आइजी अविनाश शर्मा ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि मुंगावली में कोई बच्चा वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन उड़ा रहा था, उस ड्रोन को तत्काल नीचे उतरवा लिया था। यह सुरक्षा में कोई चूक नहीं है।
आईजी ने मांगा स्पष्टीकरण
ग्वालियर जोन आइजी अविनाश शर्मा ने विभागीय स्तर पर संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि आइजी के मुताबिक यह कोई सुरक्षा में चूक नहीं है।
शिवपुरी में भी हुई थी चूक
आइजी ने 14 सितंबर को अशोकनगर के मुंगावली में हुई घटना के साथ ही शिवपुरी के करैरा और पोहरी दौरे के दौरान हेलीपैड पर लोगों के घुस आने के मामले में भी पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि इस प्रकार की गलती न हो। दरअसल, यह मामला 11 सितंबर का है। आइजी के पत्र में उल्लेख है कि सीएम के काफिले के साथ जो 15 पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में तैनात थे, वे सभी अलग-अलग तरह के कपड़े पहने थे। कुछ पुलिस के जवान जींस पहने थे, इसलिए आम जनता और पुलिसकर्मियों में अंतर नहीं कर पा रहे थे।
पोहरी में दीवार फांदकर हैलीपेड पर पहुंचे लोग
शिवपुरी के करैरा के बाद पोहरी में भी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लापरवाही का मामला है। यहां कई लोग दीवार फांदकर हैलीपेड तक पहुंच गए थे।
शिवराज की सुरक्षा खतरे में, हो चुकी है 4 बड़ी चूक
15 नवंबर 2015
लैंडिंग के वक्त बिजली के तार से बचे सीएम
रतलाम में सीएम के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब हेलीपैड बनाने से बड़ा हादसा टल गया। पायलट ने सतर्कता दिखाई तो सुरक्षित लैंडिंग हो गई। सीएम रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे। यह नजारा देख सभी की सांसें थम गई थीं।
26 अगस्त 2015
काफीले के नजदीक मिली थी आटोमेटिक रायफल
हिंदी को लेकर भोपाल के न्यू मार्केट में जागरूक अभियान चलाने गए शिवराज सिंह की सुरक्षा में बड़ी चूक हो गई थी। उनके काफिले के पास पुलिस को कार में 12 बोर की एक आटोमेटिक रायफल रखी हुई मिली थी। पुलिस ने कार को क्रेन की मदद से मौके से हटा दिया था। यह गन कार की पिछली सीट पर रखी थी। कार मालिक का पता नहीं लगने पर पुलिस क्रेन से कार को उठा ले गई थी। बाद में पता चला कि यह कार न्यू मार्केट के व्यापारी विजय खंडेलवाल की थी। इसे कार में इस तरह रखा गया था कि कोई भी इसे बड़ी आसानी से देख सकता था।
28 जनवरी 2015
जब सीएम के सामने केरोसिन ले आया प्रदर्शनकारी
जबलपुर में भी बड़ी चूक हुई थी। उनके काफिले के सामने एक युवक ने केरोसिन डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। वह युवक एक इंजीनियरिंग का छात्र है। जिसे आत्मदाह करने के दौरान ही पकड़ लिया गया। जिस तरह वह युवक केरोसिन लेकर सीएम के वाहन के पास पहुंच गया, उससे वह कोई वारदात कर सकता था।
ऐसी चूक भी हुई
9 जनवरी 2016
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह किसी कार्यक्रम से लौटते समय सीएम हाउस में प्रवेश कर रहे थे। इसी बीच काफिले के पीछे-पीछे आ रहा एक स्कूटर सवार युवक बैरिकेड पार करते हुए CM हाउस के भीतर तक पहुंच गया। दो पहिया वाहन चालक के सीएम हाउस में घुसते देखा सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। एक रिजनल चैनल ने भी इसके फुटेज प्रमुखता से दिखाए हैं। सुरक्षाकर्मियों को अपनी ओर आता देख यह युवक घबरा गया और अचानक ही उसने वाहन मोड़ लिया, इसी बीच पीछे से आ रही एक कार से वह मुड़ने के दौरान टकरा कर गिर गया। सीएम हाउस के सुरक्षाकर्मियों ने उसे तत्काल पकड़ लिया।