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Loksabha Election 2019: ये सीटें बढ़ाएंगी भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें, होगा कांटे का मुकाबला

locationभोपालPublished: Feb 07, 2019 12:09:23 pm

Submitted by:

Faiz

Loksabha Election 2019: ये सीटें बढ़ाएंगी भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें, होगा कांटे का मुकाबला

Loksabha Election 2019

Loksabha Election 2019: ये सीटें बढ़ाएंगी भाजपा-कांग्रेस की मुश्किलें, होगा कांटे का मुकाबला

भोपालः विधानसभा चुनाव के ज़रिये पंद्रह साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस नई उम्मीद और ऊर्जा के साथ मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इधर, भाजपा भी विधानसभा हारने के बाद लोकसभा में अपनी साख बचाने के लिए पूरे दम-खम के साथ चुनावी रण में कूदने को तैयार है। यानि, आगामी लोकसभा के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने ज़ोर आजमाइश शुरू कर दी है। दोनों ही पार्टियां जीत के बड़े बड़े दावे करती और अपने प्रतिद्वंदी को धूल चटाने के दावे भी करती नज़र आने लगी हैं। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, चुनावी माहौल में दावे तो सभी पार्टियों करने लगती हैं, लेकिन 19 के इस अखाड़े में कई सीटें ऐसी हैं, जो प्रदेश की सत्ता धारी पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सामने बड़ी चुनौती बन सकती हैं।

19 की तैयारी में रखा जा रहा है 18 के नतीजों का ध्यान

लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 सीटों के लिए सियासी घमासान होना है। कुछ सीटें भाजपा और कुछ सीटें कांग्रेस के लिए बेहद आसान हैं। लेकिन हालही में हुए विधानसभा चुनाव ने मध्य प्रदेश का राजनीतिक नज़रिया बदला है। 19 की तैयारी 18 के नतीजों को ध्यान में रखकर की जाने लगी है। विधान सभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाएं तो बीजेपी के लिए 9 सीटें जबकि, कांग्रेस के लिए एक दर्जन सीटों पर खतरा बना हुआ है। इधर, दोनो ही पार्टियां अपने-अपने पत्ते खोलने को भी तैयार नहीं है, जिससे अभी किसी तरह का गणित लगा पाना संभव नहीं है।

ये है कांग्रेस का फीडबैक

हालांकि, टिकट फाइनल करने की दोड़भाग में दोनो ही दल जुटे हुए हैं। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा में ज़मीनी फीडबैक भी लिया जा रहा है। पार्टियों को मिले फीडबैक पर गौर किया जाए तो कांग्रेस इस बार प्रदेश की 12 सीटों पर जीत का भावी अनुमान लगा रही है। साथ ही, कांग्रेस को इस बात की भी उम्मीद है कि, अगर कड़ी मेहनत कर ली जाए तो 5 और सीटें कांग्रेस के कब्जे से छुड़ाई जा सकती हैं। कांग्रेस के अनुमान के अनुसार जिन सीटों पर हालात पार्टी के लिए अनुकूल हैं, उनमें ग्वालियर, भिंड, मुरैना, बैतूल, राजगढ़, धार, मंडला, शहडोल, छिंदवाड़ा, गुना, रतलाम, देवास शामिल हैं। इसके अलावा वो सीटें जिनपर जीतना कांग्रेस के लिए काफी चुनौती पूर्ण हैं उनमें राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, विदिशा, बालाघाट, खरगौन, रीवा, सीधी, दमोह, सागर, टीकमगढ़, उज्जैन शामिल हैं।

ये है भाजपा का फीडबैक

वहीं, बीजेपी ने भी प्रदेश स्तर पर फीडबैक कराया है, जिसके मुताबिक इस बार उसे कई सीटों पर नुकसान होता नज़र आ रहा है। वजह साफ है, प्रदेश की सत्ता अब कांग्रेस के हाथों में है। फीडबैक के अनुसार, भाजपा को उसके काते में 20 सीटें आती दिख रही हैं। जबकि, प्रदेश की बाकि 9 सीटों पर जीत दर्ज कर पाना मुश्किल होगा। जिन सीटों पर पार्टी को भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है उनमें छिंदवाड़ा, गुना-शिवपुरी, झाबुआ-रतलाम, धार, खरगौन, मंडला, देवास, बैतूल और राजगढ़ शामिल हैं।

अभी इन सीटों पर है भाजपा-कांग्रेस का कब्जा

आपको बता दें कि, फिलहाल, मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से भाजपा के खाते में 27 सीटें आईं, जबकि 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली। हालांकि, बाद में एक सीट पर हुए उपचुनाव उपचुनाव में कांग्रेस को एक और सीट की बढ़त मिल गई। इस हिसाब से इस बार प्रदेश की लोकसभा सीटों का गणित 26 और 3 का तय हुआ। फिलहाल अब देखने वाली बात ये होगी कि, क्या भाजपा अपनी मौजूदा सीटों को बचाने में कामयाब रहती है, या विधानसभा की तरह लोकसभा में भी कांग्रेस बाज़ी मारने में कामयाब होगी।

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