वहीं मध्य प्रदेश में दूसरे चरण के लिए लोकसभा चुनाव कल यानि सोमवार को होने जा रहे हैं। इस चरण में प्रदेश की सात सीटों पर मतदान होगा। इन सीटों में इस बार भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
इस चरण में होने वाले मतदान में जो सबसे खास बात सामने आ रही है, उसके अनुसार इन सात सीटों में से तीन सीटें दोनों पार्टियों के लिए सबसे कठिन दिखाई दे रहीं हैं, यानि इन सीटों पर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा अपनी बढ़त बनाती दिख रही है। ऐसे में जहां हार जीत के लिए दोनों पार्टी के उम्मीदवारों को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
कुल मिलाकर इन सीटों से किसी भी दल को साफ तौर पर जीत मिलती नहीं दिख रही है। इस दिन यानि सोमवार को मध्यप्रदेश की बुंदेलखंड क्षेत्र से टीकमगढ़, दमोह और खजुराहो और विंध्य से रीवा, सतना के साथ होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट पर मतदान होना है। इन सभी यानि सातों सीटों से तीन पर बीजेपी और कांग्रेस पर काफी करीबी मामला है। ये तीन सीटें दमोह, खजुराहो और सतना की हैं।
ये है चार सीटों का मूड…
भले ही पार्टियां इन सीटों से अपनी अपनी जीत की बात कर रहीं हों, लेकिन अबकि बार चुनावी रूपी ये उंट किस करवट बैठेगा यह कहना अभी मुश्किल ही दिख रहा है। एक ओर जहां बीजेपी टीकमगढ़ में अपनी जीत के अलावा रीवा में अपनी मज़बूत को लेकर का संतुष्ट दिखाई पड़ रही है, लेकिन वहीं कांग्रेस भी रीवा सहित अन्य सीटों पर अपनी जीत को मान कर चल रही है।
जबकि होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट पर मोदी लहर का प्रभाव होने के कारण यहां भी बीजेपी को जीत की उम्मीद है। वहीं इसके उल्ट इन सीटों को लेकर कांग्रेस का मानना है कि जनता भाजपा के शासन से संतुष्ट नहीं है और वह बदलाव चाहती है।
वहीं यदि 2014 के चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने यहां सातों सीट जीती थीं। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बैतूल, दमोह और टीकमगढ़ में काफी अच्छी बढ़त मिली है। बीजेपी इस बार भी पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ रही है वहीं कांग्रेस अपनी मजबूत रणनीति के साथ चुनावी रण में है।
इन सीटों को लेकर अटकी है दोनों दलों की धड़कन!…
1. सतना:
सतना लोकसभा सीट से जहां भाजपा ने वर्तमान सांसद गणेश सिंह पर पुन: विश्वास जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने यहां से पहली बार ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए राजाराम त्रिपाठी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस को इस बार ब्राह्मण समाज से वोट की काफी उम्मीद है। वहीं दूसरे ओर सिंह को पटेल समुदाय से वोटों की उम्मीद है। ठाकुर समाज यहां से उनके समुदाय से किसी को टिकट नहीं दिए जाने से बीजेपी से कुछ हद तक नाराज हैं। ऐसे में वोट बैंक के इधर से उधर खिसकने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं भाजपा प्रत्याशी सिंह को ओबीसी ओर एससी, एसटी से वोट की आस है।
2. दमोह:
दमोह लोकसभा से कांग्रेस ने प्रताप लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने इस बार भी इस सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल को एक बार फिर मौका दिया है। इस क्षेत्र में लोधी समाज निर्णायक भूमिका में रहता है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार लोधी समाज से आते हैं। ऐसे में वोटों का ध्रुवीकरण होना पक्का है।
बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद पटेल को लेकर स्थानीय लोगों में कुछ नाराजगी है, वह ज्यादाकर समय दिल्ली में रहते हैं और जनता से लगातार दूरी के कारण उनकी छवि खराब हो रही है। वहीं, प्रताप को उनके स्थानीय होने का लाभ भी मिल सकता है। प्रहलाद दमोह से नहीं हैं। जिसे लेकर उनके खिलाफ विरोध भी हो चुका है। कांग्रेस ने लोधी समाज और स्थानीय मुद्दे पर रणनीति तैयार कर प्रताप को बीजेपी की मोर्चाबंदी करने के लिए उतारा है।
3. खजुराहो:
इस लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद नागेंद्र सिंह की जगह वीडी शर्मा को खड़ा किया है। वहीं कांग्रेस की तरफ से कविता सिंह मैदान में हैं।
वैसे तो खजुराहो लोकसभा सीट बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती का गढ़ रही है। खुजराहो लोकसभा सीट पर उमा भारती 4 चुनावों में जीत हासिल कर संसद तक पहुंच चुकी हैं, हालांकि इस सीट पर उनको एक बार हार भी मिली है।
कुल मिलाकर बीजेपी को इस सीट पर 7 चुनावों में जीत मिली है तो कांग्रेस को भी 6 बार जीत मिली चुकी है। खजुराहो लोकसभा सीट पर बीते 3 चुनावों से बीजेपी को ही जीत मिलती आई है। कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत साल 1999 में मिली थी।
एक ओर जहां कविता सिंह कांग्रेस की तरफ से नया चेहरा हैं। उन्हें शाही परिवार के साथ राजगढ़ राजघराने की रिश्तेदारी का फायदा मिल सकता है, वर्तमान में कविता सिंह खुद खजुराहो नपा अध्यक्ष हैं।
वहीं बीडी शर्मा संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं, नेहरू युवा केन्द्र के उपाध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में मध्य प्रदेश के महामंत्री हैं। जबकि वीडी शर्मा को लेकर यहां कई भाजपा के नेता तक असहज बताए जाते हैं।
2011 की जनगणना के मुताबिक खजुराहो की जनसंख्या 25,87,685 है। यहां की 81.78 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 18.22 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। खजुराहो में 18.57 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जाति और 15.13 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में 17,02,794 मतदाता थे। इसमें से 7,95,482 महिला मतदाता और 9,07,312 पुरुष मतदाता थे।