वर्केशन पर्यटन भी नहीं हुआ कारगर
निगम ने पर्यटकों को लुभाने के लिए उन्हें अपने होटलों में ऑफिस जैसी सुविधा वर्केशन (वेकेशन में वर्क) दे रहा है। यह व्यवस्था उन पर्यटकों के लिए की गई थी जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। ये पर्यटक पर्यटन का मजा भी ले सकते हैं और होटलों में ठहर कर अपना काम भी कर सकते है, लेकिन यह भी बहुत ज्यादा कारगर नहीं हो पा रहा है। पर्यटक होटलों में ज्यादा
ठहर ही नहीं रहे हैं।
फिलहाल रेस्टोरेंट से आमदनी
पर्यटन निगम को सबसे ज्यादा आमदनी होटल और रेस्टोरेंट से हो रही है। दूसरे नंबर पर बार और बोट क्लब हैं। हालांकि इनमें ज्यादा भीड़ भी नहीं लगती है और 50 फीसदी क्षमता से ये चलाए भी जा रहे हैं। इससे निगम को बहुत ज्यादा आय अर्जित नहीं हो पा रही है। क्योंकि निगम को मैन पावर उतना ही लगाना पड़ रहा है, जितना पूरी क्षमता के साथ चलाने में लगता है। निगम के पास पूरे प्रदेश में 19 बार, 13 बोट क्लब, 75 होटल और रेस्टोरेंट हैं।