कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि शंकराचार्य की भूमि में आज भी कला, संस्कृति और धर्म सुरक्षित हैं। हमें भारत को मौलिक भारत बनाना होगा, जिसमें केरल अग्रणी है। मध्यप्रदेश भी धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से समृद्ध प्रदेश है। हमारे प्रदेश के निवासियों एवं जनजातीय भाईयों की संस्कृति अद्भुत है और प्रकृति से उनका जुड़ाव आज भी बना हुआ है।
पर्यटन की अपार संभावनाएं
मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं तथा केरल के साथ एमओयू के आधार पर हम जन-सहभागिता के साथ पर्यटन के सभी क्षेत्रों में कार्य करेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और केरल के पर्यटकों को मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, लोक संस्कृति और यहाँ के शिल्पकारों की कला से परिचित होने का अवसर प्राप्त होगा।
मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं तथा केरल के साथ एमओयू के आधार पर हम जन-सहभागिता के साथ पर्यटन के सभी क्षेत्रों में कार्य करेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और केरल के पर्यटकों को मध्यप्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, लोक संस्कृति और यहाँ के शिल्पकारों की कला से परिचित होने का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर केरल के पर्यटन मंत्री के. सुरेन्द्रन ने बताया कि हम पर्यटन क्षेत्र में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संरक्षण के लिये रूरल टूरिज्म में काम कर रहे हैं। इसमें स्थानीय ग्राम पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर पर्यटन के विकास के लिये योजना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि हम ग्रामीणों में अपनी संस्कृति और कला को महत्व देने के लिये काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश द्वारा इस मिशन में जो भी सहयोग मांगा जायेगा, हम सहज प्रदान करेंगे तथा मध्यप्रदेश को भी देश का अग्रणी पर्यटन राज्य बनाने में सहयोग करेंगे।