प्रदेश में मौजूद तीन विश्व धरोहरों में से पर्यटकों की पहली पसंद खजुराहो के मंदिर, साढ़े तीन साल में आए 8.67 लाख सैलानी
भोपालPublished: Dec 29, 2022 08:29:25 pm
-मौजूदा वित्त वर्ष में छह महीने में 1.68 लाख सैलानियों से हुई 67.26 लाख की आय
-प्रदेश में खजुराहो, सांची और भीम बैटका को केंद्र संरक्षित विश्व धरोहरों का है दर्जा


प्रदेश में मौजूद तीन विश्व धरोहरों में से पर्यटकों की पहली पसंद खजुराहो के मंदिर, साढ़े तीन साल में आए 8.67 लाख सैलानी
मनीष कुशवाह
भोपाल. विश्व धरोहरों की सूची में दर्ज मध्यप्रदेश के तीन ऐतिहासिक स्थलों में से खजुराहो के मंदिर सैलानियों की पहली पसंद बने हुए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 में सितंबर महीने तक यहां 1.68 लाख सैलानियों ने आमद दर्ज कराई और इनसे 67.26 लाख रुपए की आमदनी हुई है। सैलानियों ने यहां मौजूद स्मारकों को देखने के लिए तय दाशि चुकाई है। साढ़े तीन साल में खजुराहो में 8.69 लाख से अधिक पर्यटक आए और इनसे 5.44 करोड़ रुपए की आय हुई। यहां बता दें, केंद्र सरकार द्वारा देशभर में संरक्षित और संधारित विश्व धरोहरों वाले स्मारकों की संख्या 24 है, जिनमें से तीन धरोहर मप्र में हैं। खजुराहो के मंदिरों को वर्ष 1986 में, सांची के बौद्ध स्मारक को 1989 में तो रायसेन जिले के भीम बैटका के शैलचित्रों को वर्ष 2003 में विश्व धरोहर घोषित किया गया था। विश्व धरोहरों की सूची में शामिल आगरा का ताजमहल देशी और विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां इस साल 19.94 लाख सैलानी आए और इनसे 20.56 करोड़ रुपए की आय हुई।
विश्व धरोहरों में से तीन मप्र में
विश्व धरोहरों की देखरेख और संरक्षण का जिम्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। इस सूची में मप्र से खजुराहो, सांची और भीम बैटका शामिल है। उप्र के आगरा का किला, ताजमहल और फतेहपुर सीकरी के अलावा दिल्ली का लाल किला, कुतुब मीनार और हुंमायु का मकबरा को विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित किया है। महाराष्ट्र से अंजता और एलोरा समेत एलिफेंटा की गुफाओं को इस सूची में जगह मिली है। तमिलनाडू में महाबलीपुरम के स्मारकों के समूह, तंजावुर-ंगइकोंडचोलपुरम और दारासुरम चोल मंदिर, कर्नाटक के हम्पी स्मारकों का समूह, पडक्कल स्थित स्मारक, गुजरात के धोलावीरा, पाटन की रानी की बावड़ी, चंपानेर-पावागढ़ पुुरातत्व पार्क, राजस्थान के चित्तौडगढ़़, कुम्भलगढ़, जैसलमेर, रणथम्बौर, आमेर और गगरोन का किला, बिहार का नालंदा महाविहार, ओडिशा स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर, गोवा के चर्च और कॉन्वेंट और तेलंगाना के काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर को विश्व धरोहर घोषित किया गया है।