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टॉवेल के इस्तेमाल से पहले बरतें ये सावधानियां, वरना हो सकता है भारी नुकसान

locationभोपालPublished: Jun 25, 2019 08:53:43 am

Submitted by:

Faiz

अकसर लोग टॉवेल खरीदते और इसके इस्तेमाल के समय कई तरह की लापरवाहियां बरतते हैं, जिसकी वजह से कई तरह के रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

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भोपालः टॉवेल ( towels ) हमारी रोजमर्रा ( daily routine ) की इस्तेमाल होने वाली चीजों में से सबसे खास चीज़ है। इसका इस्तेमाल व्यक्ति को रोज़ाना कई बार करना पड़ता है। जैसे, नहाने के बाद शरीर से पानी पोंछना, किचन में बर्तन धोने के बाद हाथ पोंछना, टॉयलेट के बाद हाथ सुखाना ( Towel Care ) , बच्चों को लिटाने के लिए या बारिश में भीगने पर सिर पोंछना, यानी स्पष्ट है कि रोज़ाना हम टॉवेल का इस्तेमाल कई बार कर ही लेते हैं। हालांकि, अकसर लोग टॉवेल खरीदते और इसके इस्तेमाल के समय कई तरह की लापरवाहियां बरतते हैं, जिसकी वजह से कई तरह के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। राजधानी भोपाल के निजी अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ.कुसुम चावला के मुताबिक, आजकल शहर में अकसर लोगों को चमड़ी रोग की समस्या हो रही हैं। कहीं न कहीं इसका एक कारण हमारा रोज़ाना इस्तेमाल किया जाने वाला टॉवेल ( towel Precautions ) भी है।

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ये है बीमारियों का बड़ा कारण

डॉ.चावला ने बताया कि, चमड़ी रोग की समस्या जितना जिम्मेदार शहर की आब ओ हवा और पानी है, उतना ही जिम्मेदार घर में इस्तेमाल होने वाला टॉवेल भी है। इसका एक कारण ये भी है कि, अकसर गरीब या मध्यम वर्गीय घरों में नहाने के बाद इस्तेमाल किया जाने वाला टॉवेल एक ही होता है, जिसे घर के सभी सदस्य इस्तेमाल करते हैं। आजकल की बड़ी समस्या बने हुए चर्म रोग के प्रति लोगों की ये धारणा बन गई है कि, अगर ये समस्या घर में किसी सदस्य को हो जाए, तो घर के अन्य सदस्यों को होना भी काफी संभव है। ये सही भी है, इसका बड़ा कारण यही है कि, यहां पूरा घर मिलकर एक ही टॉवेल का इस्तेमाल करता है। ऐसा नहीं है कि, इससे सिर्फ चर्म रोग ही हो सकता है, बल्कि इसके अलावा भी कई ऐसी बीमारियां हैं, जो टॉवेल के ज़रिये हमारे शरीर में प्रवेश कर लेती हैं और हम उनका कारण कुछ और ही मानते हैं।

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इन बीमारियों का रहता है खतरा

नहाते समय भले ही आप कितने भी अच्छे एंटी जर्म साबुन का इस्तेमाल क्यों ना कर लें, फिर भी त्वचा के बैक्टीरिया पूरी तरह कभी खत्म नहीं होते। इसलिए जब भी नहाने या मूह हाथ धोने के बाद टॉवेल से शरीर पोछते हैं, तो आपके शरीर से बहुत से बैक्टीरिया टॉवेल पर चिपक जाते हैं। अगर उनिहीं टॉवेल का इस्तेमाल घर के अन्य सदस्य करते हैं, तो टॉवेल पर चिपके वो बैक्टीरिया अन्य व्यक्ति के शरीर से लग जाते हैं। अब एक घर में कुछ लोगों की त्वचा हेल्दी होती है तो, कुछ की नाजुक, ऐसे में नाजुक त्वचा वाले लोगों को इससे संबंधित बीमारियां हो सकती है। खासकर इनमें बच्चों को ज्यादा खतरा रहता है।

 

एक दूसरे के जर्म्स और बैक्टीरिया इस्तेमाल करने वाले सभी सदस्यों के संपर्क में आते रहते हैं। इसकी वजह से आपको एक्ज़ीमा, फंगल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन और त्वचा संबंधी कई रोग हो सकते हैं। इसके अलावा तौलिये के दोबारा इस्तेमाल से पहले इसे धूप या प्रेस से सुखा लेना बेहद जरूरी होता है। गीले तौलिये में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं जिससे त्वचा पर इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसकी वजह स्किन रैशेज या खुजली जैसी समस्याएं भो हो जाती हैं।

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इन सावधानियों के साथ करें टॉवेल के इस्तेमाल

-टॉवेल को रोज या कम से कम एक दिन छोड़कर जरूर धुलें।

-टॉवेल के दोबारा इस्तेमाल से पहले इसे अच्छी तरह धूप में सुखा लें।

-धूप में सुखाने से टॉवेल के कई बैक्टीरिया मर जाते हैं या निष्क्रिय हो जाते हैं, जिससे रोगों का खतरा कम हो जाता है।

-अपने टॉवेल को किसी और को इस्तेमाल करने के लिए न दें और न ही किसी और का टॉवेल इस्तेमाल करें।

-नहाने के बाद शरीर पोंछने, टॉयलेट के बाद हाथ पोंछने, किचन में पानी पोंछने और धुलने के बाद मुंह पोंछने के लिए अलग-अलग टॉवेल का इस्तेमाल करें।

-टॉवेल को नहाने के बाद कभी भी बाथरूम में न सुखाएं। इसे बाहर किसी खुली जगह पर धूप में सुखाएं, वर्ना धुलने के बाद भी इसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

-टॉवेल से शरीर पोंछते समय हमेशा चेहरे से पांव की तरफ पोछें, जिससे बैक्टीरिया आपके चेहरे और मुंह के अंदर कम से कम पहुंचें।

-शरीर को हमेशा हल्के हाथों से पोंछना चाहिए। ज्यादा रगड़ने से त्वचा के रोयें टूट सकते हैं और स्किन के अंदर तक नमी भी सूख जाती है।

-टॉवेल को कभी भी अंडर गारमेंट्स के साथ न धुलें क्योंकि इससे अंडर गारमेंट्स में मौजूद बैक्टीरिया टॉवेल में चले जाते हैं।

-छोटे बच्चों का टॉवेल धुलते समय एंटी जर्म लिक्विड डालकर धुलें।

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