विक्रेता संघ ने आपस में चंदा कर फि लहाल वैकल्पिक रूप से सब्जी का थोक बाजार शुरू कर दिया है। हालांकि इस बाजार में केवल मैदान ही बन पाया है इसमें भी व्यापारियों द्वारा किए चंदे के छह लाख रुपए खर्च हो गए हैं।
तीन माह पहले प्रशासन ने व्यवस्थाएं गड़बड़ाने का हवाला देकर भदभदा पुल के पास लगने वाले सब्जी के थोक बाजार को यहां से अन्यत्र स्थापित करने के आदेश जारी किए थे। वि_ल मार्केट फल सब्जी थोक विक्रेता बाजार संघ के सचिव प्रसिद्ध गिरी ने बताया प्रशासन ने इस आदेश के साथ ही सूरज नगर में जमीन का एक टुकड़ा व्यापारियों को खरीदी के उपलब्ध कराया था।
जमीन का यह टुकड़ा किसी भी स्थिति में बाजार लगाने लायक नहीं था। पुराना बाजार बंद करने से किसान और व्यापारियों कों दिक्कत हो रही थी इसे देखते हुए व्यापारियों ने आपस में चंदा कर इस मंडी के निर्माण का संकल्प लिया और छह लाख रुपए चंदा एकत्रित कर इस जमीन को बाजार लायक बनाया गया। बाजार में जमीन के समतलीकरण के साथ ही इसमें आवागमन के लिए मार्ग निर्माण भी कराया गया है। इसके बाद से लगातार यहां सब्जी की नीलामी हो रही है।
फेक्ट फिगर
55 व्यापारी यहां से करते हैं कारोबार
2000 किसान हर दिन आते हैं यहां
3 ये 5 लाख हर दिन कारोबार
50 प्रतिशत व्यापार घटा
06 लाख रुपए में तैयार हुआ बाजार
ऊबड़-खाबड़ पर फिसलते हैं
व्यापारी रमेश खटीक ने बताया कि यहां अब भी व्यवस्थाएं न के बराबर हैं। व्यापारी बहुत ज्यादा रुपया नहीं लगा सकते हैं यहां जो गिट्टी डाली गई उसमें हम्माल फिसलकर गिरते हैं जिससे व्यापारियों का भी नुकसान होता है।
अफसरों ने झांका तक नहीं
व्यापारी कदीर अहमद ने बताया कि जिस दिन से मंडी का निर्माण हुआ है नगर निगम के किसी अफसर ने यहां आकर झांका तक नहीं है। मंडी में व्यापारियों और किसानों के लिए अब तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है।
भविष्य में होगी परेशानी
वरिष्ठ व्यापारी मो. सईद कुरैशी के अनुसार अभी मौसम साफ है तो ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन गर्मियों में किसान और व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ये मंडी बारिश के लायक तो बिलकुल भी नहीं है।
प्याऊ है न शौचालय
आलू के थोक विक्रेता साबिर कुरैशी और आबिद मंसूरी के अनुसार मंडी में न तो शौचालय है और न ही पेयजल की व्यवस्था। ऐसे में दिनभर यहां किसान और व्यापारी परेशान होते रहते हैं। व्यवस्थाएं जल्द सुधरना चाहिए।