शहर को 25 सितंबर को नहीं हुई थी दिक्कत
जंबूरी मैदान में 25 सितंबर 2018 को भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ हुआ था। इसमें करीब 5 लाख लोग 11 हजार से अधिक वाहन आए थे, लेकिन बेहतर व्यवस्था से जाम के हालात नहीं बने थे। जबकि सोमवार के आयोजन में इसके उलट हुआ। अव्यस्था के चलते शहरभर का ट्रैफिक जाम हो गया। सिटी बसें थम गईं। करीब 10 बजे से चेतक ब्रिज, ज्योति टॉकीज, बोर्ड ऑफिस चौराहे के पास सड़क किनारे बस स्टैंड पर लोग दिनभर इंतजार करते रहे।
जंबूरी मैदान में 25 सितंबर 2018 को भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ हुआ था। इसमें करीब 5 लाख लोग 11 हजार से अधिक वाहन आए थे, लेकिन बेहतर व्यवस्था से जाम के हालात नहीं बने थे। जबकि सोमवार के आयोजन में इसके उलट हुआ। अव्यस्था के चलते शहरभर का ट्रैफिक जाम हो गया। सिटी बसें थम गईं। करीब 10 बजे से चेतक ब्रिज, ज्योति टॉकीज, बोर्ड ऑफिस चौराहे के पास सड़क किनारे बस स्टैंड पर लोग दिनभर इंतजार करते रहे।
पांच बड़ी वजह, जिनके कारण फूल गया ट्रैफिक का दम
क्राउड-वाहन: पुलिस-प्रशासन को अधिकतम 50 हजार क्राउड, 2 हजार वाहनों के आने का अनुमान था। लेकिन, सभा स्थल तक करीब एक लाख क्राउड पहुंचा। वहीं,वाहनों की संख्या करीब 10 हजार पहुंच गई। क्राउड-वाहनों की संख्या बढऩे से पुलिस, प्रशासन की व्यवस्था गड़बड़ा गई।
क्राउड की जोर-जबरदस्ती: सभा स्थल तक जाने वाले अधिकतर वाहन सवार पुलिस की व्यवस्थाओं को दिनभर चुनौती देते रहे। जोर-जबरदस्ती कर लोग अपने वाहन प्रतिबंधित मार्गों पर भी प्रवेश कराने में सफल रहे। दिनभर पुलिसकर्मियों की कांग्रेस कार्यकर्ताओं से नोक-झोंक होती रही। पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि आखिर इन्हें कैसे नियंत्रित किया जाए।
ट्रैफिक डायवर्सन: पुलिस ने किसी मार्ग को डायवर्ट नहीं किया था। वीआइपी वाहन आने पर पुलिस ने अचानक कई मार्ग के रूट डायवर्ट, वाहनों की कुछ पल के लिए आवाजाही रोक दी। जाम लगा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। डायवर्जन नहीं होने से वाहन उसी दिशा में आते रहे, जहां पहले से ही वाहनों की लंबी कतार लगी थी।
वापसी: अधिकतर वाहन चालक समारोह में शामिल होने तय रूट से आए। आयोजन के बाद वह तय रूट से न जाकर शहर में प्रवेश कर गए। पुलिस की बड़ी लापरवाही यह रही कि पार्किंग स्थल से वाहनों की वापसी के लिए कोई मॉनिटरिंग नहीं की गई।
पुलिस बल: पुलिस का अधिकतर फोकस सुरक्षा पर रहा। वाहनों की संख्या के अनुपात में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए पर्याप्त बल नहीं था। तिराहे-चौराहे पर पांच-छह पुलिसकर्मियों को लगाया गया था, जो ट्रैफिक मैनेजमेंट नहीं कर सके।
क्राउड-वाहन: पुलिस-प्रशासन को अधिकतम 50 हजार क्राउड, 2 हजार वाहनों के आने का अनुमान था। लेकिन, सभा स्थल तक करीब एक लाख क्राउड पहुंचा। वहीं,वाहनों की संख्या करीब 10 हजार पहुंच गई। क्राउड-वाहनों की संख्या बढऩे से पुलिस, प्रशासन की व्यवस्था गड़बड़ा गई।
क्राउड की जोर-जबरदस्ती: सभा स्थल तक जाने वाले अधिकतर वाहन सवार पुलिस की व्यवस्थाओं को दिनभर चुनौती देते रहे। जोर-जबरदस्ती कर लोग अपने वाहन प्रतिबंधित मार्गों पर भी प्रवेश कराने में सफल रहे। दिनभर पुलिसकर्मियों की कांग्रेस कार्यकर्ताओं से नोक-झोंक होती रही। पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि आखिर इन्हें कैसे नियंत्रित किया जाए।
ट्रैफिक डायवर्सन: पुलिस ने किसी मार्ग को डायवर्ट नहीं किया था। वीआइपी वाहन आने पर पुलिस ने अचानक कई मार्ग के रूट डायवर्ट, वाहनों की कुछ पल के लिए आवाजाही रोक दी। जाम लगा और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। डायवर्जन नहीं होने से वाहन उसी दिशा में आते रहे, जहां पहले से ही वाहनों की लंबी कतार लगी थी।
वापसी: अधिकतर वाहन चालक समारोह में शामिल होने तय रूट से आए। आयोजन के बाद वह तय रूट से न जाकर शहर में प्रवेश कर गए। पुलिस की बड़ी लापरवाही यह रही कि पार्किंग स्थल से वाहनों की वापसी के लिए कोई मॉनिटरिंग नहीं की गई।
पुलिस बल: पुलिस का अधिकतर फोकस सुरक्षा पर रहा। वाहनों की संख्या के अनुपात में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए पर्याप्त बल नहीं था। तिराहे-चौराहे पर पांच-छह पुलिसकर्मियों को लगाया गया था, जो ट्रैफिक मैनेजमेंट नहीं कर सके।
स्कूल बसें, एंबुलेंस जाम में फंसी
वाहनों का अनियंत्रित रेला आने के चलते अलग-अलग इलाकों में स्कूल-कॉलेज बसें, एंबुलेंस जाम में फंस गईं। स्कूली बच्चे आधा-आधा घंटे तक वाहनों में भूखें-प्यासे से परेशान होते रहे। पुलिसकर्मी स्कूल बसों को निकालने की बजाय नेताओं के वाहनों को रास्ता दिखते रहे।
वाहनों का अनियंत्रित रेला आने के चलते अलग-अलग इलाकों में स्कूल-कॉलेज बसें, एंबुलेंस जाम में फंस गईं। स्कूली बच्चे आधा-आधा घंटे तक वाहनों में भूखें-प्यासे से परेशान होते रहे। पुलिसकर्मी स्कूल बसों को निकालने की बजाय नेताओं के वाहनों को रास्ता दिखते रहे।
नेताओं के कटआउट लाद ले गए
शपथ ग्रहण के बाद कार्यकर्ताओं ने राहुल, सोनिया और कमलनाथ के कटआउट उखाडऩे शुरू कर दिए। वे इन्हें वाहनों में लाद ले गए। सुरक्षाकर्मियों ने रोका तो नेताओं से अनुमति लेने की बात कही। आसपास की बस्तियों से आईं महिलाएं बांस-बल्लियां ले जाती देखी गईं।
पूर्व सीएम और अफसर हुए परेशान
एसीएस राधेश्याम जुलानिया, अपर संचालक जनसंपर्क सुरेश गुप्ता की फजीहत हुई। प्रवेश के लिए दोनों भटकते रहे। पूर्व सीएम बाबूलाल गौर को भी मंच तक पहुंचने में दिक्कत हुई। इसी तरह वाहन फंसने के कारण एसीएस एसआर मोहंती भी वीआइपी गेट से पैदल ही गए।
एसीएस राधेश्याम जुलानिया, अपर संचालक जनसंपर्क सुरेश गुप्ता की फजीहत हुई। प्रवेश के लिए दोनों भटकते रहे। पूर्व सीएम बाबूलाल गौर को भी मंच तक पहुंचने में दिक्कत हुई। इसी तरह वाहन फंसने के कारण एसीएस एसआर मोहंती भी वीआइपी गेट से पैदल ही गए।
मीडिया इंक्लोजर में घुसे कांग्रेसी
पीडब्ल्यूडी ने समारोह के मंच के सामने ही मीडिया इंक्लोजर बनाया था, जहां सुबह 11 बजे से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद और पीसी शर्मा के समर्थक कब्जा कर बैठ गए। जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो उनसे बदसलूकी की। कई पत्रकारों की जेबें भी कट गईं।
कम पड़ गए 12 प्रवेश द्वार
पीडब्ल्यूडी ने जंबूरी के 4 एकड़ क्षेत्र में तीन डोम तैयार किए थे,जिनमें 50 हजार लोगों के बैठने का इंतजाम था। प्रवेश के लिए दोनों तरफ से 6-6 मार्ग बनाए थे। प्रवेश द्वार कम पड़ गए, जिससे भीड़ यहां दो घंटे तक फंसी रही। प्रवेश के बाद शाम तक लोग डोम से बाहर निकलने परेशान होते रहे।
पीडब्ल्यूडी ने जंबूरी के 4 एकड़ क्षेत्र में तीन डोम तैयार किए थे,जिनमें 50 हजार लोगों के बैठने का इंतजाम था। प्रवेश के लिए दोनों तरफ से 6-6 मार्ग बनाए थे। प्रवेश द्वार कम पड़ गए, जिससे भीड़ यहां दो घंटे तक फंसी रही। प्रवेश के बाद शाम तक लोग डोम से बाहर निकलने परेशान होते रहे।
पानी था, लेकिन पीने नहीं दिया
कार्यकर्ताओं के लिए 12 स्थानों पर टैंकर रखे गए थे। जिस जगह टैंकर रखे थे, वो बेरिकेट से घिरी हुई थी। यहां खड़े पुलिस वाले किसी को भी टैंकर के पास फटकने नहीं दे रहे थे। करीब चार घंटे तक डोम में प्यासे घिरे रहने के बाद अनेक कार्यकर्ता परिसर से बाहर निकल पाए।
झलकियां…
मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। दोपहर 12.40 बजे अचानक जंबूरी मैदान की तरफ आने वाला ट्रैफिक बंद कर दिया गया। इसके चलते अफरा-तफरी मच गई। भेल कॉलेज के पास जमकर जाम लग गया।
जनता व कार्यकर्ताओं के लिए छह तो वीआइपी के लिए बनाया एक प्रवेश द्वार भी कम पड़ गए। सेंट जेवियर स्कूल के सामने भारी वाहनों की भीड़ लगी रही। सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों वाहन खड़े कर दिए गए। लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई।
वीआइपी प्रवेश द्वार पर एक हिस्से में बड़े बैरिकेड से भीड़ पर नियंत्रण पाया गया, लेकिन दूसरी ओर के स्टॉपर लोगों ने हटा दिए जिससे मार्ग संकरा हो गया। अनियंत्रित भीड़ ने पुलिसकर्मियों को भी धक्का देना शुरू कर दिया।
प्रद्युम्न सिंह तोमर समर्थकों के साथ हेलीपेड पर राहुल के काफिले के आगे फूल बरसाते व नारे लगाते हुए मंच तक आए। राहुल की गाड़ी के कांच को फूलों से ढंक दिया।
शिवराज चौहान के ***** संजय सिंह मसानी को भी बैरिकेड फांदकर आना पड़ा। दो विधायकों के समर्थकों ने उन्हें कंधे पर बैठाया और जमकर नारेबाजी की तब वे अंदर जा पाए।
पूर्व सीएम शिवराज चौहान गुजरे तो युवा शिवराज मामा, मामा पुकारने लगे।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भारी अव्यवस्था देखने को मिली। दोपहर 12.40 बजे अचानक जंबूरी मैदान की तरफ आने वाला ट्रैफिक बंद कर दिया गया। इसके चलते अफरा-तफरी मच गई। भेल कॉलेज के पास जमकर जाम लग गया।
जनता व कार्यकर्ताओं के लिए छह तो वीआइपी के लिए बनाया एक प्रवेश द्वार भी कम पड़ गए। सेंट जेवियर स्कूल के सामने भारी वाहनों की भीड़ लगी रही। सड़क के दोनों तरफ सैकड़ों वाहन खड़े कर दिए गए। लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई।
वीआइपी प्रवेश द्वार पर एक हिस्से में बड़े बैरिकेड से भीड़ पर नियंत्रण पाया गया, लेकिन दूसरी ओर के स्टॉपर लोगों ने हटा दिए जिससे मार्ग संकरा हो गया। अनियंत्रित भीड़ ने पुलिसकर्मियों को भी धक्का देना शुरू कर दिया।
प्रद्युम्न सिंह तोमर समर्थकों के साथ हेलीपेड पर राहुल के काफिले के आगे फूल बरसाते व नारे लगाते हुए मंच तक आए। राहुल की गाड़ी के कांच को फूलों से ढंक दिया।
शिवराज चौहान के ***** संजय सिंह मसानी को भी बैरिकेड फांदकर आना पड़ा। दो विधायकों के समर्थकों ने उन्हें कंधे पर बैठाया और जमकर नारेबाजी की तब वे अंदर जा पाए।
पूर्व सीएम शिवराज चौहान गुजरे तो युवा शिवराज मामा, मामा पुकारने लगे।