script

पांच साल में 12 लोगों ने गंवाई जान, वन-वे नहीं कर सके बाणगंगा ढलान

locationभोपालPublished: Nov 20, 2019 01:44:39 am

Submitted by:

manish kushwah

रोशनपुरा चौराहा- डिपो चौराहे के ट्रैफिक को रंगमहल-पलाश मार्ग से किया जाना था डायवर्टट्रैफिक को जनसंपर्क संचालनालय से होते हुए देना है वैकल्पिक मार्ग

पांच साल में 12 लोगों ने गंवाई जान, वन-वे नहीं कर सके बाणगंगा ढलान

पांच साल में 12 लोगों ने गंवाई जान, वन-वे नहीं कर सके बाणगंगा ढलान

भोपाल. शहर के प्रमुख चौराहों में से एक रोशनपुरा को री-डिजाइन करने के लिए पिछले पांच साल में सरकारी एजेंसियों ने कई बैठकें और वर्कशॉप किए, लेकिन मौके पर एक इंच कम नहीं हुआ। इसका खामियाजा शहर की जनता को उठाना पड़ा और पांच साल के दौरान इस चौराहे पर हादसों का शिकार होकर एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
शहर की सबसे बड़ी ट्रैफिक एक्सपर्ट एजेंसी मैनिट ने भी रोशनपुरा चौराहे को शहर के सबसे खतरनाक चौराहों की सूची में शामिल किया है। मैनिट के मुताबिक रोशनपुरा से पॉलीटेक्निक जाने वाले मार्ग को वन-वे घोषित करना ही एक मात्र तरीका है, जिससे यहां हादसे रोके जा सकते हैं। पत्रिका टीम ने रोशनपुरा चौराहे की खामियों को मैनिट के एक्सपर्ट के हिसाब से स्कैन कर हकीकत जानी।
सुरक्षित सफर के लिएये बदलाव जरूरी

डिपो चौराहा ट्रैफिक डायवर्जन: रोशनपुरा चौराहे से बड़े तालाब की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को रंगमहल, होटल पलाश होकर बाणगंगा ट्रैफिक सिग्नल के आगे रोटरी बनाकर कनेक्टिविटी दी जा सकती है। मैनिट के एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसा करने से ढलान से नीचे उतरने वाले वाहनों को रफ्तार अचानक कंट्रोल करने के मुश्किल काम से मुक्ति मिलेगी। उनके सामने किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।
रोशनपुरा ढलान- पॉलीटेक्निक चौराहे की ओर जाने वाला मार्ग खतरनाक है। सिग्नल से आगे बढ़ते ही सीधी ढलान शुरू होती है और इसके खत्म होने से पहले ही बाणगंगा ट्रैफिक सिग्नल आ जाता है। वाहन यहां बामुश्किल नियंत्रित होते हैं। इस पॉइंट पर पिछले पांच साल में कई हादसे हुए हैं। पिछले महीने ही एक हार्वेस्टर का ढलान पर ब्रेक फेल हो गया था, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी।
पुलिस कंट्रोल रूम मार्ग का ट्रैफिक: पुलिस कंट्रोल रूम से आने वाले ऐसे वाहन जो रोशनपुरा होकर पॉलीटेक्निक चौराहे की तरफ जाते हैं, इन्हें डायवर्ट करने की जरूरत है। वाहनों को दो मार्गों से डायवर्ट किया जा सकता है। पहला डायवर्जन राजभवन से जनसंपर्क संचालनालय मार्ग पर तो दूसरा राजभवन से रवींद्र भवन मार्ग है। यह आगे पॉलीटेक्निक चौराहे से मिलता है। इससे वाहनों को आवाजाही का विकल्प मिलेगा।
शनपुरा चौराहे की ढलान को वन-वे करना ही हादसे रोकने का एकमात्र तरीका है। इस बारे में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को तकनीकी जानकारियां और रूट डायवर्जन के विकल्प बताए जा चुके हैं।
-प्रोफेसर सिद्धार्थ रोकड़े, ट्रैफिक एक्सपर्ट, मैनिट

ट्रेंडिंग वीडियो