स्थिति ये है कि सुरक्षा दीवार ढहने के बाद यहां लगाई गई फैंसिंग भी उखड़ गई है, जिससे इस सब स्टेशन में असामाजिक तत्वों समेत आवारा मवेशियों की मौजूदगी बनी रहती है। खास बात है कि हाई वोल्टेज होने के कारण यहां हादसों की आशंका बनी रहती है, इसके बावजूद जिम्मेदारों ने यहां सुरक्षा में कोताही बरती जा रही है। इस सब स्टेशन से कोलार की 40 से अधिक कॉलोनियों में बिजली सप्लाइ का जिम्मा संभाला जाता है।
गौरतलब है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कलियासोत नदी के कैचमेंट एरिया में ही सब स्टेशन का निर्माण किया गया है, इसी सब स्टेशन के पास ही चेतावनी का बोर्ड लगा है जिसमें कैचमेंट एरिया में किसी भी तरह के निर्माण को प्रतिबंधित बताया गया है। बहरहाल, यहां तैनात कर्मचारियों के भरोसे ही सुरक्षा का जिम्मा है।
एक साल पहले इस सब स्टेशन की सुरक्षा दीवार का एक हिस्सा नदी में गिर गया था, इसके बाद कंपनी ने मेन्टेनेंस के नाम पर अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लिया, वहीं दीवार का निर्माण नहीं किया गया। सुरक्षा में बरती जा रही अनदेखी से यहां कार्यरत कर्मचारियों पर भी खतरा मंडराता रहता है।
खुले में हाइ वोल्टेज ट्रांसफार्मर
चालीस से अधिक कॉलोनियों में बिजली सप्लाइ सुचारू बनाए रखने के लिए यहां पांच-पांच मेगावॉट के दो बड़े ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इसके अलावा यहां कई छोटे ट्रांसफार्मर भी हैं। इस हाइ वोल्टेज वाले बस स्टेशन में ट्रांसफार्मर से सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। ट्रांसफार्मर के आसपास फैंसिंग भी पर्याप्त नहीं हैं।
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
इस सब स्टेशन में एक दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर लगे हैं, ऐसे में यहां सुरक्षा के लिए लगाई गई फैंसिंग के उखड़ जाने से आवाजाही बेरोकटोक जारी है। रात में यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। कर्मचारियों के मुताबिक रात में यहां असामाजिक तत्व शराब पीते हैं। विरोध करने पर विवाद की स्थिति बनती है।