शुल्क जमा करना पड़ता है
वाहन मालिक द्वारा पुराने नंबर के लिए दी गई पुरानी राशि या न्यूनतम 15 हज़ार रुपए शुल्क में जो भी अधिक होगा, भुगतान करना होगा। पुरानी व्यवस्था के अनुसार कंडम अथवा निष्प्रयोजित हुए वाहनों के साथ ही उनका नंबर भी ब्लॉक कर दिया जाता था। इससे वीआइपी नंबर लेने वाले वाहन मालिक को नया नंबर लेना पड़ता था।
पहले ये थी व्यवस्था
- मई 2014 के पहले वीआइपी नंबर प्रथम आओ, प्रथम पाओ के आधार पर आवंटित किए जाते थे। 01 से 09 नंबर का शुल्क 15 हजार रु., 10 से 100 का 12 हजार, विशिष्ट नंबरों के लिए 10 हजार एवं शेष नंबरों का शुल्क 2 हजार रुपए था।
- 22 मई 2014 के बाद वीआइपी नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। इसके तहत उच्चतम बोली लगने पर ही नंबर खरीदा जा सकता था।
- अब ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट लर्निंग लाइसेंस एवं अन्य परिवहन दस्तावेजों के लिए जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत आवेदन के साथ रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म 1 ए में मेडिकल सर्टिफिकेट अपने डिजिटल हस्ताक्षर से जारी किए जा सकेंगे। 1 अप्रैल 2021 से पहले ये मेडिकल सर्टिफिकेट मैनुअल तरीके से जारी किए जाने का प्रावधान था।
संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल का कहना है कि नई व्यवस्था में अनावश्यक भीडभाड़ एवं बोली की प्रक्रिया में आवेदक को नहीं उलझना पड़ रहा है। ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं।