पुलिस के अनुसार साइबर जालसाज ने मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए दीप्ति ङ्क्षसह बनकर महिला की आवाज निकाली। फिर रतनलाल से दोस्ती की। बातों-बातों में एमपी नगर में बीयर बार खोलने का प्रस्ताव दिया गया। प्रस्ताव को जमीन पर उतारने के नाम पर 10 लाख की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर करवा ली। जब कुछ दिनों तक बात आगे नहीं बढ़ी तो रतनलाल ने महिला आरोपी से अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए।
जालसाज ने खुद को एस्कॉर्ट सर्विस का कर्मचारी बताया और यह बात स्वीकार की कि उसने महिला बनकर धोखाधड़ी की है। रतनलाल को बदनाम करने का डर दिखाकर वर्ष 2018 से 2019 के बीच आरोपियों ने लगभग 58 लाख से ज्यादा राशि बैंक खातों में जमा करवा ली। इसके बाद आरोपियों ने रतनलाल को परेशान करना बंद कर दिया। हाल ही में झारखंड पुलिस ने लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाकर ठगने वाले इस गिरोह के आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने जब उनके बैंक खातों की जांच की तो भोपाल के लालघाटी निवासी रतनलाल के बैंक खाते से लाखों की राशि ट्रांसफर होना पाया गया। झारखंड पुलिस ने मामले में रतनलाल को नोटिस भेजा और झारखंड के रांची शहर आकर अपना बयान दर्ज कराने निर्देश दिए। पूरा मामला खुल जाने के बाद पीडि़त ने कोहेफिजा थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
हनी ट्रैप में फंसाने का प्रयास
पुलिस के मुताबिक गिरोह के लोग मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए महिला की आवाज निकाल कर अमीर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। बातों में उलझा कर महिलाओं का इस्तेमाल कर हनी ट्रैप का सहारा लिया जाता है और बाद में अश्लील वीडियो तैयार कर लिए जाते हैं। भोपाल के रतनलाल इस मामले में बाल-बाल बच गए और आरोपी उनका कोई वीडियो तैयार नहीं कर पाए। फोन पर की गई बातों की आड़ में ब्लैकमेङ्क्षलग और बदनामी का डर दिखाकर उनसे लाखों रुपए जरूर बैंक खातों में जमा करवा लिए गए। पुलिस ने उनकी राशि रिकवर करने के लिए आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिए हैं।
पुलिस के मुताबिक गिरोह के लोग मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए महिला की आवाज निकाल कर अमीर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। बातों में उलझा कर महिलाओं का इस्तेमाल कर हनी ट्रैप का सहारा लिया जाता है और बाद में अश्लील वीडियो तैयार कर लिए जाते हैं। भोपाल के रतनलाल इस मामले में बाल-बाल बच गए और आरोपी उनका कोई वीडियो तैयार नहीं कर पाए। फोन पर की गई बातों की आड़ में ब्लैकमेङ्क्षलग और बदनामी का डर दिखाकर उनसे लाखों रुपए जरूर बैंक खातों में जमा करवा लिए गए। पुलिस ने उनकी राशि रिकवर करने के लिए आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिए हैं।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच के लिए एक टीम रांची भेजी जा रही है।
अनिल बाजपेयी, टीआई, कोहेफिजा
अनिल बाजपेयी, टीआई, कोहेफिजा