कोरोनाकाल (corona period) में लोगों को पेड़ों का महत्व समझाने के लिए इतनी भारीभरकम राशि का जुर्माना लगाया गया है। संभवतः यह देश में अपने आप में पहला जुर्माना है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वन विभाग (mp forest department) का कहना है कि कोरोनासंकट में ऑक्सीजन संकट हैं, फिर भी लोग पेड़ों का महत्व नहीं समझ रहे हैं। इसी को लेकर इतना भारीभरकम जुर्माना लगाना पड़ रहा है।
अध्ययन में भी सामने आए यह तथ्य
दो साल पहले दिल्ली के एक एनजीओ दिल्ली ग्रीन्स ने 2013 में एक अध्ययन किया। उसके अनुसार एक स्वस्थ पेड़ वर्ष में जितनी ऑक्सीजन देता है, यदि हम खरीदने जाएं तो उसकी कीमत 30 लाख रुपए से भी अधिक होगी। दो साल पहले दिल्ली के एक एनजीओ दिल्ली ग्रीन्स ने 2013 में एक अध्ययन किया। उसके अनुसार एक स्वस्थ पेड़ वर्ष में जितनी ऑक्सीजन देता है, यदि हम खरीदने जाएं तो उसकी कीमत 30 लाख रुपए से भी अधिक होगी। एक अध्ययन में यह भी सामने आया था कि एक पेड़ एक साल में 100 किग्रा तक ऑक्सीजन देता है। एक व्यक्ति को सालभर में 740 किग्रा ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
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मध्यप्रदेश के रायसेन जिले (Raisen District) में स्थित सिंघौरी अभ्यारण्य (singhori sanctuary) में दो पेड़ काटने वाले एक आरोपी छोटेलाल पर एक करोड़ 21 लाख 7 हजार का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बम्होरी वन विभाग (bamhori raisen forest) ने लगाया है। वन विभाग ने इसे वन संपदा मानते हुए एक पेड़ की उम्र 50 साल मानकर इससे मिलने वाले फायदों का हिसाब लगाया है। आरोपी छोटेलाल ने इसी साल जनवरी में अभ्यारण्य की बीट पहरिया में सागौन के दो पेड़ काट दिए थे।
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50 सालों में 52 लाख की सुविधा देता है एक पेड़
फारेस्ट विभाग ने इतना भारी जुर्माना लगाने के पीछे तर्क भी दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बम्हौरी वन परिक्षेत्र के अधिकारी के मुताबिक इंडियन काउंसिल आफ फारेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (Indian Council of Forestry Research and Education) के अनुसार एक पेड़ की आयु 50 साल मानी गई है।
–ICFRE के मुताबिक इन 50 सालों में एक पेड़ 50 लाख के बराबर कीमत की सुविधा देता है। एक पेड़ इतने सालों में 2 लाख की ऑक्सीजन छोड़ता है, जो कहीं न कहीं हमारे ही जीवन के लिए अहम है।
-इन 50 सालों में एक पेड़ 23 लाख 68 हजार रुपए कीमत का वायु प्रदूषण कम करता है।
-20 लाख रुपए कीमत की भू-क्षरण नियंत्रण और उर्वरता बढ़ाने का भी काम करता है।
-वर्षाकाल में पानी को रोकता है, बहते पानी से कटाव को रोकता है, पानी को भी स्वच्छ करता है, दोबारा उपयोग में लाने लायक बना देता है। इन सबके लिए वो साढ़े चार लाख रुपए के बराबर लाभ पहुंचाता है।
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कोर्ट पहुंचा मामला
पेड़ काटने वाले आरोपी छोटेलाल पर सागौन के दो पेड़ काटने पर एक करोड़ 21 लाख 7 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। यह मामला कोर्ट पहुंच गया है। इसी मामले में दो दिन पहले कोर्ट में चालान प्रस्तुत करते हुए आरोपी पर कड़ी सजा की भी अपील की गई है।
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एक बिल्डर पर लगा था 11 लाख 40 हजार का जुर्माना
इससे पहले भोपाल में एक बिल्डर पर 11 लाख 40 हजार रुपए का जुर्माना लग चुका है। उन्होंने भी बिना अनुमति पेड़ काटा था। नगर निगम ने उन पर यह जुर्माना लगाया था। मामला पिछले साल सितंबर 2020 का है। गांधीनगर स्थित आसाराम आश्रम के पास की जमीन पर लगे 228 पेड़ बगैर अनुमति काट दिए गए थे। पहले शिकायत 22 सितंबर को की गई थी। वन विभाग के उड़न दस्ते ने पंचनामा बनाया था।