आदिवासी कांग्रेस ने की कमलनाथ से शिकायत
भोपालPublished: Jan 17, 2021 06:55:17 pm
आदिवासी सीटों पर काम नहीं करते गैर आदिवासी नेता
कमलनाथ ट्राइबल नेताओं को देंगे 47 सीटों का जिम्मा
भोपाल : प्रदेश में 15 महीने की सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस अब नए सिरे से प्रदेश में अपना आधार मजबूत करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस अब अपने पुराने वोट बैंक आदिवासी वर्ग में पैठ बढ़ाने जा रही है। पिछले तीन चुनावों में भाजपा की सरकार बनवाने वाली आदिवासी सीटें 2018 में कांग्रेस के पास आईं तो सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। हालांकि सरकार प्रदेश में सिर्फ 15 महीने ही रह पाई। आदिवासी कांग्रेस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सामने एक शिकायत रखी है। इस शिकायत में कहा गया है कि आदिवासी सीटों पर गैर आदिवासी नेता काम नहीं करते यही कारण है कि उन सीटों पर कांग्रेस की पकड़ कमजोर हो गई है। इस शिकायत के बाद कमलनाथ ने नए सिरे से आदिवासी सीटों की जमावट का खाका खींच लिया है।
प्रदेश में विधानसभा की 47 आदिवासी सीटें :
प्रदेश में 230 में से 47 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। पिछले तीन चुनावों में भाजपा ने इन सीटों पर जीत दर्ज की और लगातार तीन बार उसकी सरकार बनी। 2018 में इन 47 सीटों में से 32 सीटें कांग्रेस के पास आईं और प्रदेश में सरकार बदल गई। लेकिन 15 महीने बाद कांग्रेस फिर विपक्ष में आ गई। आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय शाह कहते हैँ कि हमने पार्टी संगठन को सुझाव दिया है कि अभी से इन सीटों पर फोकस किया जाए। इन सीटों पर आदिवासी नेता को ही टिकट मिल सकती है इसलिए इन पर अन्य वर्ग के नेता ध्यान नहीं देते। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इस बात को तरजीह देेते हुए अभी से इन सीटों का जिम्मा आदिवासी नेताओं को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। इस बात का फायदा कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनाव में तो मिलेगा ही निकाय चुनाव में भी यहां पार्टी का जनाधार बढ़ेगा।
आदिवासी डाक्यूमेंट बनेगा :
पार्टी अपने सबसे पुराने वोट बैंक आदिवासियों पर फोकस कर रही है, आदिवासियों को साधने के लिए वो आदिवासी डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। इस डॉक्यूमेंट में इंदिरा गांधी सरकार से लेकर यूपीए और कमलनाथ सरकार तक के आदिवासी हित में लिए गए फैसलों की जानकारी रहेगी। डाक्यूमेंट में बताया जाएगा कि कांग्रेस ने देश की सत्ता में रहते हुए वन अधिकार कानून लागू करने से लेकर कई बड़े फैसले किए हैं। डाक्यूमेंट में बताया जाएगा कि मौजूदा सरकार ने आदिवासियों के खिलाफ किस तरह फैसले लिए हैं।