चीन प्रमुख रूप से एक्सपोर्ट करता है ये आइटम
रिमोट वाली कारें
इलेक्ट्रिकल और सेल से चलने वाले खिलौने
म्युजिकल आइटम
जीएसटी और मंहगाई की मार है बड़ी वजह
खिलौना व्यापारी सुभाष चुतर्वेदी ने कहा कि पेट्रोल- डीजल के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि और जीएसटी खिलौना बाजार के इस हालात के पीछे काफी हद तक जिम्मेदार है। सेल वाले आइटम पर 18 प्रतिशत तो बगैर सेल वाले आइटम पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ रहा है। जो कि पूरे खिलौना बाजार पर एक बड़ी मार है।
टॉय इंडस्ट्री से जुड़ी फैक्ट फाइल
विश्वभर में करीब 86 प्रतिशत खिलौने चीन एक्सपोर्ट करता
मौजूदा वक्त में वर्ल्ड टॉय इंडस्ट्री करीब 8 लाख करोड़ से ज्यादा की है
2025 में वर्ल्ड टॉय इंडस्ट्री करीब 10 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद
विश्व के खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी महज 0.5 फीसदी
भारत के खिलौना बाजार का ब्यौरा
भारत का खिलौना बाजार करीब 16 हजार करोड़ का
जिसमें 25 फीसदी की स्वदेशी खिलौने
भारत की 80 फीसदी खिलौना इंडस्ट्री चाइना के भरोसे
टॉय इंडस्ट्री की ये है सबसे बड़ी टेंशन
खिलौने से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि भारतीय टॉय इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कमी इनोवेशन की है। भारत में सिर्फ परंपरागत खिलौने ही बनाए जा रहे है। जबकि परंपरागत खिलौनों की डिमांड बाजार में बहुत कम है। जब तक भारत इलेक्ट्रानिक खिलौने बनाने के तौर- तरीकों पर काम नहीं करेगा तब तक चीन को पछाड़ पाना बहुत मुश्किल होगा। क्योंकि इनोवेशन के साथ रेट का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है।