भोपाल समेत प्रदेशभर में कई ऐसे मामले चर्चा का विषय बने हैं जिनमें ट्रिपल तलाक के मामले जिला कोर्ट, हाईकोर्ट तक पहुंचे हैं। अब ये पीडि़ताएं खुश हैं कि उन्हें न्याय मिल सकेगा। भले ही समाज के धर्मगुरु सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से खुश न हों, लेकिन पीडि़ताएं जरूर खुश हो गई हैं। वे खुश हैं कि अब दूसरे मुस्लिम देशों की तरह हिन्दुस्तान में भी महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिलेगी।
हैरानी की बात ये है कि ट्रिपल तलाक के मामले में दुनियाभर के २२ देशों में इस तरह से तलाक जायज नहीं है। वहीं भारत और पाकिस्तान ऐसे देश हैं जहां ट्रिपल तलाक बेहद आसान है। वहीं इसका विरोध करने वाली महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
पिछले एक साल में आए ऐसे मामले
* आपको जानकर हैरानी होगी कि भोपाल समेत मध्यप्रदेश में भी पत्नी से जरा सी लड़ाई पर गुस्साए शौहर ने तीन बार तलाक कह दिया। मामला पहले युवती के मायके पहुंचा फिर मुफ्ती के पास। जिन्होंने शरीयत का हवाला देकर तलाक को जायज ठहराया था।
* कुछ मामले ऐसे भी आए जिनमें फोन पर बात करते हुए ही शौहर ने बीवी को तलाक, तलाक, तलाक कह दिया।
* व्हाट्स ऐप पर तीन बार तलाक लिखकर भेज देने के मामले भी प्रदेश के मुस्लिम परिवारों में महिलाओं की स्थिति को दर्शाते हैं।
* यही नहीं बीवी को धोखे से तीन बार तलाक कहने वाले शौहर के खिलाफ मामला कोर्ट तक पहुंचा है।