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हमेशा मन में निश्चय रखें, आप में है समाज में बदलाव लाने की ताकत

locationभोपालPublished: Jun 16, 2022 04:16:45 pm

– जो भी करें, उसमें शत प्रतिशत योगदान दें। सफलता जरूर मिलेगी।

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उम्र का आंकलन किए बिना जो भी काम हाथ में लें, यह जरूर सोचें कि इसका समाज में क्या सकारात्मक बदलाव आएगा। भरोसा रखें…आप में परिवर्तन लाने की ताकत है। जो भी करें, उसमें शत प्रतिशत योगदान दें। सफलता जरूर मिलेगी। यह कहना है पत्रिका के 40 अंडर 40 में चयनित जबलपुर की श्रेया खंडेलवाल का। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

प्रश्न: छोटी उम्र में शिक्षा, कला व समाजसेवा का तालमेल बैठाना और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना… कैसे कर पाती हैं?

उत्तर: पापा नियमित ब्लड डोनर हैं। अब 69 बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्हें देखती थी। जब मुझे बालश्री अवॉर्ड मिला, कई संगठनों-प्रशासन ने सम्मान किया। इसने समाजसेवा के लिए प्रेरित किया। मैं स्वच्छता, रक्तदान, थैलेसीमिया उन्मूलन, देहदान, पर्यावरण संरक्षण, जल संवर्धन, निर्धन कन्या विवाह सहायता, गरीबों को शिक्षा जैसे सामाजिक कार्य कर रही हूं।

प्रश्न: आपको थिएटर के क्षेत्र में राष्ट्रीय बालश्री पुरस्कार मिला है, इसके पीछे किसका योगदान और प्रेरणा मानती हैं?

उत्तर: पापा शिक्षक, थिएटर आर्टिस्ट, लेखक, मंच संचालक, मम्मी अच्छी डांसर-सिंगर और ताऊजी कवि और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। बचपन से ही घर में कला-साहित्य का माहौल मिला है। संभागीय बालभवन, मेरी शाला स्मॉल वंडर्स, आर्ट सेंसेशन ने मार्गदर्शन दिया। मेरी नाट्य संस्थाएं विवेचना रंगमंडल, नाट्य लोक व विवेचना थियेटर के गुरुजनों से अभिनय सीखा।

प्रश्न: एक समाजसेविका के रूप में अपने योगदान को आप किस तरह आंकती हैं?

उत्तर: जब दूसरे समाजसेवकों के त्याग, समर्पण, संघर्ष देखती हूं तो खुद को कहीं नहीं पाती। मेरे प्रयास अभी प्रारंभिक स्तर पर हैं। मैंने 18वें जन्मदिन पर पहली बार रक्तदान किया। स्लम और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के बीच समय बिताया।

प्रश्न: नगर स्वच्छता अभियान ब्रांड एम्बेसडर के रूप में आपने क्या काम किए?

उत्तर: सामाजिक, धार्मिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के कार्यक्रम व निजी आयोजनों में सफाई की अपील की। सिंगल यूज प्लास्टिक की बजाय कपड़े के थैले के उपयोग की अपील की। कलात्मक प्रस्तुतियों से स्वच्छता, पौधरोपण का संदेश दिया।
जबलपुर की धरा उर्वरा है। यहां से धर्म-आध्यात्म, कला-संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान समेत कई क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा निकली हैं। मैं भी कला-संस्कृति, समाजसेवा में सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं। समाजसेवा से आजीवन जुड़ी रहना चाहती हूं।
– श्रेया खंडेलवाल, समाजसेविका
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