कोरोनाकाल को कागजों पर उतारा कोरोनाकाल को इन्होंने अपनी पेटिंग्स के जरिए कागजों पर उकेरा है। इसमें से कई पेटिंग्स को काफी सराहना मिली। इसमें मजदूरों के पलायन का दर्द दिखाया तो वहीं दूसरी ओर मरीजों की मदद में जुटे डॉक्टर के प्रयासों को भी दिखाया। जहां मरीज को खाना खिलाते हुए डॉक्टर नजर आ रहा है। हेरिटेज के मूलरूप को भी इन्होंने अपनी पेटिंग्स में संजोया है। प्रदेश में कई सरकारी संस्थानों में इनकी पेटिंग हैं।
सूरमा भोपाली को किया ‘ जिंदा ‘
फिल्म शोले के सूरमा भोपाली के नाम से तो सभी वाकिफ है। इस किरदार को मतीन ने अपनी कला से एक नई पहचान दी है। सोशल मीडिया के ये किरदार कई विषयों पर अपने कमेन्ट्स देता है। इस किरदार को सिल्वर स्क्रीन पर अभिनेता जगदीश ने निभाया था।
कॅरियर के लिए खोले दरवाजे, देशभर में प्रदर्शनी ऐसे कई कलाकार हैं जो पेटिंग में तो माहिर हैं लेकिन उनके पास रोजगार नही है। इनकी पेटिंग को ही रोजगार में तब्दील करने ‘ आर्ट फॉर काज ‘ एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है। देश दुनिया के कई कलाकारों को इससे जोड़ा जा रहा है। यहां छोटा या बड़ा कोई भी कलाकार अपनी पेटिंग बेचने के लिए रख सकता है। इससे उन कलाकारों को होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा सामाजिक कलाकारों में खर्च होगा। खासतौर से कोविड-19 के दौर में कला को मदद का जरिया बनाया जा रहा है।
सरकार नहीं देती सहारा विदेशों में पेटिंग सहित दूसरी कई ऐसी कलाएं हैं जो कलाकारों के लिए कॅरियर हैं। देश में पेटिंग के क्षेत्र में काफी हुनर है लेकिन सरकार सहारा नहीं देती। इनके लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं। अन्य देशों में अच्छी पेटिंग महंगी बिकती है जो कलाकारों के लिए कमाई का जरिया है।