भोपाल की स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि साई की जूडो खिलाड़ी तूलिका मान ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए मेडल जीता है। हैरत की बात तो यह है कि देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली तूलिका का नाम पहले कॉमनवेल्थ के खिलाड़ियों की लिस्ट में ही नहीं था। उनके अर्जुन अवॉर्डी कोच यशपाल सोलंकी को तूलिका के हुनर पर पूरा भरोसा था। ऐसे में कोच ने उनके लिए स्पेशल परमिशन ली और तूलिका ने बुधवार को इंग्लैंड के बर्मिंघम में सिल्वर मेडल जीतकर उनका भरोसा कायम रखा।
खिलाड़ियों की लिस्ट में नाम नहीं होने पर तूलिका के लिए लड़ाई लड़ी- तूलिका मान ने 78 किग्रा कैटेगरी में लगातार क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीता। फाइनल में वे विश्व की नंबर 1 खिलाड़ी स्कॉटलैंड की सारा एडलिंग्टन से हार गईं थीं। तूलिका के कोच यशपाल सोलंकी ने बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में तूलिका का नाम नहीं होने पर हमने उसके लिए लड़ाई लड़ी। तब जाकर तूलिका कॉमनवेल्थ खेलने जा पाईं। उसके मेडल जीतने से हमारी मेहनत सफल हो गई।
उनकी परवरिश के साथ खेल में भी मां की अहम भूमिका रही है- तूलिका मान मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उनकी मां अमृता सिंह दिल्ली पुलिस में सेवारत हैं। तूलिका जब मात्र 2 साल की थीं तभी उनके पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद मां ने अपनी पूरी जिंदगी ही तूलिका के नाम कर दी। उनकी परवरिश के साथ खेल में भी मां की अहम भूमिका रही है। यही कारण है कि तूलिका अपनी मां का ही सरनेम लगाती हैं।