पांच करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पार्क का गेट दूर से देखने पर सेल्यूलर जेल की तरह दिखाई देगा।पार्क सेतु के नीचे खाली पड़ी दो एकड़ जमीन में डेवलप किया जा रहा है। पार्क डेवलपमेंट का काम फरवरी 2017 में शुरू किया गया था। पार्क का काम 70 से 80 फीसदी हो चुका है। अफसरों की माने तो पार्क अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह पार्क राजधानी के सबसे खूबसूरत पार्कों में से एक होगा। नगर निगम ने इस पार्क को डेवलप करने की योजना सावरकर सेतु का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बनाई थी।
खाली जमीन पर सौंदर्यीकरण की पहल
सावरकर सेतु के नीचे करीब ढाई एकड़ जमीन खाली पड़ी थी। इस जमीन पर नगर निगम के अफसरों को अतिक्रमण होने का डर था। नगर निगम के अफसरों ने करोड़ों रुपए की बेसकीमती जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए सौंदर्यीकरण की योजना बनाई। सौंदर्यीकरण के लिए यहां पर सेल्यूलर जेल के लुक में पांच करोड़ रुपए की लागत से पार्क डेवलप किया जा रहा है।
सावरकर सेतु की खूबसूरती में लगेंगे चार चांद
पार्क का डेवलप होने के बाद सावरकर सेतु की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे। पार्क की हरियाली को सेतु के ऊपर से निकलने वाले वाहनों में बैठे यात्री भी देख सकेंगे। पार्क डेवलपमेंट के बाद रात के समय यहां से गुजरने वाले वाहनों में बैठे यात्रियों को पार्क 8 आकार में दिखाई देखा। दौड़ते वाहनों में बैठे यात्रियों को एेसा महसूश होगा कि पार्क उनके वाहन का चक्कर लगा रहा है।