scriptआखिर क्यों दो भाई भोपाल आकर करते थे वो गंदा काम | two brother caught for chain snatching in Bhopal | Patrika News

आखिर क्यों दो भाई भोपाल आकर करते थे वो गंदा काम

locationभोपालPublished: Feb 02, 2019 01:51:12 am

Submitted by:

dinesh Binole

दोनों भाई इंदौर से आते थे भोपाल चेन लूट कर वापस भाग जाते थे, इंदौर से एक लुटेरा गिरफ्तार, दूसरा फरार

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भोपाल. फ्लैक्स की डिलेवरी देने के बहाने सगे भाई इंदौर से भोपाल आकर सिलसिलेवार चेन लूट कर चुपके से वापस इंदौर चले जाते। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसका छोटा भाई फरार है। गिरफ्तार आरोपी के पास से सोने की चार चेन बरामद होने का पुलिस ने दावा किया है। आरोपी ने अब तक लूट की पांच वारदात कबूली हैं। गिरफ्तार आरोपी अपने पिता को इंदौर में पत्रकार होना बता रहा है। एसपी संपत उपाध्याय ने बताया कि क्लासिक स्वास्तिक सिटी इंदौर निवासी 26 वर्षीय शशांक सक्सेना पिता उपेंद्र उर्फ उपदेश कुमार सक्सेना को गिरफ्तार किया गया है। शशांक अपने छोटे भाई कबीर के साथ लूट करता था। दोनों आरोपी फ्लैक्स की डिलेवरी देने के बहाने स्पोट्र्स बाइक से इंदौर से आते थे। इसके बाद शहर के अलग-अलग इलाकों में महिलाओं से पता पूछने के बहाने उनकी चेन छीनकर फरार हो जाते। 24 जनवरी को उन्होंने साकेत नगर, अलकापुरी और शाहपुरा में सिलसिलेवार लूट की चार वारदातों को अंजाम दिया था।
छोटा भाई बाइक ड्राइव करता, बड़ा झपट्टा मार चेन छीन लेता
वारदात के वक्त कबीर बाइक ड्राइव करता था। जबकि, पीछे बैठा शशंाक महिलाओं के गले में झपट्टा मार चेन छीनता था। उनका पुराना कोई रेकॉर्ड नहीं है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि अखबार में पढ़कर उसने चेन लूट की अपने छोटे भाई के साथ साजिश रची। उसका यह मानना था कि वह इंदौर से आकर चेन लूटकर चला जाएगा और उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा। दोनों भाइयों ने जब 26 दिसंबर को पहली चेन लूट की, इससे उनके हौसले बढ़ गए। इसके बाद 24 जनवरी को एक ही दिन में चार लूट की वारदात कर इंदौर भाग गए।
सीसीटीवी फुटेज से हुई बाइक की पहचान
पुलिस लगातार पांच दिन तक इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालती रही। इसी बीच बावडिय़ा कला में एक फुटेज पुलिस को हाथ लगा। जिससे लुटेरों की बाइक की पहचान हो सकी। इसके बाद पुलिस इंदौर पहुंची। जहां, शशंाक को घर से दबोचा। 
पांच साल पहले तक दोनों भोपाल में रहे
शशांक ने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले उसके पिता भोपाल में अशोका गार्डन इलाके में रहते थे। ऐसे में उन्हें शहर के हर एक मार्ग की जानकारी थी। लूट के बाद वह बाइक से ही इंदौर से चले जाते। आरोपी लूट के गहने बेचकर खुद का प्रिंटिंग प्रेस खोलना चाहते थे।
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