छोटा भाई बाइक ड्राइव करता, बड़ा झपट्टा मार चेन छीन लेता
वारदात के वक्त कबीर बाइक ड्राइव करता था। जबकि, पीछे बैठा शशंाक महिलाओं के गले में झपट्टा मार चेन छीनता था। उनका पुराना कोई रेकॉर्ड नहीं है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि अखबार में पढ़कर उसने चेन लूट की अपने छोटे भाई के साथ साजिश रची। उसका यह मानना था कि वह इंदौर से आकर चेन लूटकर चला जाएगा और उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा। दोनों भाइयों ने जब 26 दिसंबर को पहली चेन लूट की, इससे उनके हौसले बढ़ गए। इसके बाद 24 जनवरी को एक ही दिन में चार लूट की वारदात कर इंदौर भाग गए।
वारदात के वक्त कबीर बाइक ड्राइव करता था। जबकि, पीछे बैठा शशंाक महिलाओं के गले में झपट्टा मार चेन छीनता था। उनका पुराना कोई रेकॉर्ड नहीं है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि अखबार में पढ़कर उसने चेन लूट की अपने छोटे भाई के साथ साजिश रची। उसका यह मानना था कि वह इंदौर से आकर चेन लूटकर चला जाएगा और उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा। दोनों भाइयों ने जब 26 दिसंबर को पहली चेन लूट की, इससे उनके हौसले बढ़ गए। इसके बाद 24 जनवरी को एक ही दिन में चार लूट की वारदात कर इंदौर भाग गए।
सीसीटीवी फुटेज से हुई बाइक की पहचान
पुलिस लगातार पांच दिन तक इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालती रही। इसी बीच बावडिय़ा कला में एक फुटेज पुलिस को हाथ लगा। जिससे लुटेरों की बाइक की पहचान हो सकी। इसके बाद पुलिस इंदौर पहुंची। जहां, शशंाक को घर से दबोचा।
पुलिस लगातार पांच दिन तक इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालती रही। इसी बीच बावडिय़ा कला में एक फुटेज पुलिस को हाथ लगा। जिससे लुटेरों की बाइक की पहचान हो सकी। इसके बाद पुलिस इंदौर पहुंची। जहां, शशंाक को घर से दबोचा।
पांच साल पहले तक दोनों भोपाल में रहे
शशांक ने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले उसके पिता भोपाल में अशोका गार्डन इलाके में रहते थे। ऐसे में उन्हें शहर के हर एक मार्ग की जानकारी थी। लूट के बाद वह बाइक से ही इंदौर से चले जाते। आरोपी लूट के गहने बेचकर खुद का प्रिंटिंग प्रेस खोलना चाहते थे।
शशांक ने पुलिस को बताया कि पांच साल पहले उसके पिता भोपाल में अशोका गार्डन इलाके में रहते थे। ऐसे में उन्हें शहर के हर एक मार्ग की जानकारी थी। लूट के बाद वह बाइक से ही इंदौर से चले जाते। आरोपी लूट के गहने बेचकर खुद का प्रिंटिंग प्रेस खोलना चाहते थे।