मध्यप्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को सरकार प्रोत्साहित कर रही है। सहकारिता, कृषि और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से कृषि अधोसंरचना निधि के अधिक से अधिक उपयोग की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए थे। सहकारिता विभाग ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की कुछ योजनाओं को मंजूरी भी दिलवाई है। इसे अब और विस्तार देने की तैयारी है।
प्रदेश अब कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष देश से अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात हुआ जिसमें मध्यप्रदेश ने सर्वाधिक 5 लाख 86 हजार 423 टन गेहूं का रिकार्ड निर्यात किया। अभी व्यापारी किसानों से गेहूं खरीदता है और उसकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग करके उसे निर्यात करता है। सरकार की मंशा है कि यह काम किसानों से जुड़े समूह ही करें तो उन्हें अधिक लाभ होगा।
कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से दो करोड़ रुपए तक का कर्ज भी बैंक से मिल सकता है- इसके लिए कृषि विभाग ने निधि के संचालन का प्रारूप तैयार किया है, उसमें राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट गठित की जाएगी. यह अधिक से अधिक हितग्राहियों को योजना का लाभ दिलाने का काम करेगी। किसानों और उद्यमियों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए कृषि अधोसंरचना निधि के माध्यम से दो करोड़ रुपए तक का कर्ज भी बैंक से मिल सकता है। सात साल तक तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी राज्य सरकार देगी।