दरअसल, स्नातक कक्षा की दो छात्राएं इसलिए भिड़ गईं कि एक ने दूसरी छात्रा के बायफ्रेंड को फोन लगा दिया और कई बार फोन पर बात कर ली। इस पर से बात बिगड़ गई। जबकि बायफ्रेंड प्रथम सेमेस्टर में पढऩे वाले हैं।
आधा घंटा चला हंगामा….
दोपहर में करीब एक बजे कालेज के बाहर छात्राएं भिड़ी तो दूसरे छात्र भी तमाशा देखने पहुंच गए। दोनों के बीच जमकर गाली-गलौज चली। पहले तो किसी को समझ नहीं आया, जब स्थिति मारपीट की बनने लगी और अभद्र भाषा का उपयोग होने लगा तो छात्रों को मामला समय आया। इसके बाद कालेज प्रबंधन को मामले की जानकारी दी।
लोगों ने बताया कि स्कूल व कॉलेजों में लगातार मारपीट की घटनाएं सामने आ रही है। स्टूडेंटों में आपस में मारपीट की घटनाओं से न केवल स्कूल कॉलेज बाल्कि अभिवावक भी परेशान है। अभिवावकों का कहना है कि जब भी स्टूडेंटों में मारपीट की घंटनाए सामने आती है तो स्कूल और कॉलेज प्रशासन कार्रवाई करने के बजाए मामले को दबाने या फिर सुलझाने का काम करने में लग जाते है जिस कारण स्टूडेंटों में डर नहीं रहता। अगर स्कूल व कॉलेज प्रशासन सख्त कार्रवाई करे तो शायद ऐसी घटनाओं में कमी आ सकती है।
पुलिस की निर्भया टीम भी इस घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर छात्रा से बात करने आए लड़के मौके से गायब हो गए। उधर, इसके बाद दोनों छात्राएं और उनके परिजन कालेज प्रबंधन के पास पहुंचे। कालेज प्रबंधन ने दोनों पक्षों की बात सुनी, इसके बाद सुलह करा दी।
छात्राओं के बीच विवाद हो गया था, हमनें दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मामला शांत करा दिया है। स्नातक की छात्राएं हैं।
-प्रो. बीके तिवारी, प्राचार्य पीजी कालेज