हार के बाद भी पद नहीं छोड़ना चाहते हैं सिंधिया समर्थक दो मंत्री, उपचुनाव में तीन मंत्री हारे हैं चुनाव
उपचुनाव में भाजपा को 19 और कांग्रेस को 09 सीटों पर जीत मिली है।
भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल कर चुकी है।

भोपाल. विधानसभा उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री चुनाव हार गए हैं। हारने के बाद भी दो मंत्रियों से पद का मोह नहीं छूट रहा। दोनों दो महीने और मंत्री बने रहना चाहते हैं, क्योंकि संवैधानिक रूप से हारने के बावजूद वे एक जनवरी तक मंत्री पद पर रह सकते हैं। वहीं, तीसरे मंत्री ने हारने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया था।
इस बार उपचुनाव में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए हैं। दोनों को उम्मीद थी कि चुनाव जीत जाएंगे और मंत्री पद बरकरार रहेगा, लेकिन चुनाव नतीजे मुफीद नहीं रहे। इसलिए अब दोनों को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा, लेकिन नियमानुसार 6 महीने वे बिना विधायक रहे मंत्री रह सकते हैं। 2 जुलाई, 2020 को दोनों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, इसलिए वे 1 जनवरी तक इस पद पर रह सकते हैं। अब दोनों की उम्मीद है कि एक जनवरी तक मंत्री बने रहेंगे।
ये मंत्री हारे थे चुनाव
शिवराज सरकार के तीन मंत्री उपचुनाव में चुनाव हार गए हैं। शिवराज कैबिनेट के मंत्री एंदल सिंह कंसाना, गिर्राज दंडौतिया और इमरती देवी चुनाव हार गई हैं।
एंदल सिंह ने दिया इस्तीफा
सुमावली से चुनाव हारने के बाद मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए थे शामिल
मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस के 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इमरती देवी और गिर्राज दंडौतिया सिंधिया समर्थक हैं। दोनों को जुलाई में मंत्री बने थे।
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