जेल से मिली जानकारी के मुताबिक खंडवा निवासी सिमी बंदी अब्दुल्ला उर्फ अल्ताफ हुसैन और रकीब को जेल से रिहाई हुई है। अब्दुल्ला को शुक्रवार को,जबकि जेल में भूख हड़ताल के एक मामले के चलते रकीब को शनिवार को जेल से रिहा किया गया है। दोनों को हाइकोर्ट से जमानत मिली है। जबकि भोपाल न्यायालय से दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दोनों की जमानत का आधार यह बताया है कि खंडवा में हुए बजरंग दल और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले में सिमी जेल ब्रेक के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए सिमी आतंकी अमजद उर्फ दाउद और महमूद उर्फ गुड्डू का हाथ था।
31 अक्टूबर 2016 को दीपावली की रात जेल प्रहरी की हत्या कर भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हुए आठ सिमी आतंकियों को पुलिस मुठभेड़ के बाद एनकाउंटर में मार गिराया था। इन आतंकियों में मो. खालिद अहमद, मो. अकील खिलजी, मुजीब शेख, मो. सलिक, जाकिर हुसैन सादिक, मेहमूद उर्फ गुड्डू, अमजद और अब्दुल मजीद शामिल था।
गुजरात के अहमदाबाद की साबरमती जेल से मई 2017 में सिमी के 10 हार्ड कोर आतंकियों को भोपाल की सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। इनमें सिमी का नेशनल चीफ सफदर नागौरी भी शामिल है। अब नागौरी सहित सभी आतंकी वापस अहमदाबाद जाना चाहते हैं, इसके लिए अहमदाबाद न्यायालय ने आदेश भी जारी कर दिया है, लेकिन मप्र सरकार के एक आदेश के चलते इन्हें जेल से बाहर नहीं किया जा सकता। लिहाजा, मप्र सरकार के आगामी आदेश तक सभी 29 कैदी सेंट्रल जेल में रहेंगे। इनकी पेशी जेल से ही वीडियो कॉन्फेंस के जरिए कराई जा रही है।
दिनेश नरगावे, सेंट्रल जेल अधीक्षक भोपाल
संजय चौधरी, डीजी जेल मप्र