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इसी प्रकार कोलार स्थित रुद्राक्ष में भी पांच मरीजों के साथ ज्यादा बिल बनाकर वसूली की गई। दोनों अस्पतालों से करीब एक लाख 27 हजार रुपए मरीजों के वापस कराए गए हैं। यहीं पर भगवती गौतम और निर्माण सुप स्पेशलिटी के दस्तावेज, बिल जब्त किए गए हैं। उबन्तु और रुद्राक्ष को एसडीएक की तरफ से नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद इनके रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई होगी।
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एसडीएम कोलार क्षितिज शर्मा ने बताया कि उबन्तु हॉस्पिटल के संबंध में मोंटू सिन्हा की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें अस्पताल ने करीब 2 लाख 1008 रुपए का बिल बनाया था। जांच में पता चला कि इस बिल में 40 परसेंट वृद्धि की गई है। जो ऑक्सीजन, जांच को लेकर की थी। जबकि अस्पताल ने रेट कम तय कर रखे हैं। जांच के बाद 71 हजार रुपए बिल में कम कराए गए।
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ऑक्सीजन-पैथोलॉजी लैब के नाम पर वसूली
इधर कोलार स्थित रुद्राक्ष हॉस्पिटल में की गई जांच में पता चला कि ऑक्सीजन बेड के पांच दिन के 16 हजार रुपए रेट फिक्स है। लेकिन मरीजों से 80-80 हजार रुपय तब बिल में लगा के रखे थे। यही नहीं ऑक्सीजन के अलग से रुपये जोडऩे के साथ उनसे पैथोलॉजी लैब जांच के नाम पर 5-5 हजार रुपए भी जोड़े गए। जांच के बाद मरीज पियूश अग्रवाल के आठ हजार रुपए, प्रभा पांडे के 12 हजार रुपए, डीपी दीक्षित के 24 हजार रुपए और एसआर तानपुरे के बिल में 12 हजार रुपए कम किए गए। अस्पताल प्रबंधन ने इसे गलती मानते हुए एसडीएम को लिखित में रुपए रिफंड करने का भरोसा दिलाया है। कोलार में ही एक अन्य अस्पताल भगवती गौतम एवं निर्माण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी अवैध बिलिंग की शिकायत पर यहां से बिल और दस्तावेज जब्त किए हैं।