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यूजीसी ने बीयू का रोका अनुदान, मांगा 5 साल पुराने फंड का हिसाब

locationभोपालPublished: Jan 01, 2020 11:17:50 am

: बीयू का तर्क-कैंपस को वाईफाई करना: बीयू:नैक ग्रेडिंग में अव्वल आने के लिए यूजीसी से मंजूर हुए थे 40.21 करोड़ रुपए

Barkatulla University bhopal

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रशासन ने नैक ग्रेडिंग में अव्वल आने के लिए यूजीसी से 40 करोड़ रुपए का फंड रिलीज करने कहा था। इसके जवाब में यूजीसी ने साफ किया है कि पहले पांच साल पहले दिए फंड का हिसाब दे, इसके बाद अगली राशि जारी होगी।
कार्यपरिषद सदस्यों ने बीयू प्रशासन की इस लापरवाही पर नाराजगी जताई है। कार्यपरिषद बैठक में उठे इस मुद्दे पर कुलपति आरजे राव ने जानकारियां सार्वजनिक नहीं कीं, जिसे लेकर कार्यपरिषद सदस्यों ने राजभवन से दखल की मांग की है। उल्लेखनीय है कि यूजीसी ने बीयू के लिए 40.21 करोड़ रुपए का फंड स्वीकृत किया था, जिसमें से अब तक केवल 5 करोड़ रुपए ही जारी हुए हैं।
नैक ग्रेडिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं। यूजीसीए से बाकी फंड रिलीज करने या खर्च की गई राशि का रिएमबर्समेंट सुविधा देने की अपील की है।
– आरजे राव, कुलपति, बीयू
कुलपति ने दिया नैक ग्रेडिंग का हवाला
विवि प्रबंधन ने हवाला दिया है कि नैक मूल्यांकन इस बार सात सूत्रीय फॉर्मूले पर होना है, जिसके लिए कई विकास कार्य परिसर में कराए जा रहे हैं।
प्रबंधन ने यूजीसी से रीएमबर्समेंट की सुविधा मांगी है और पूछा है कि क्या विकास कार्यों के लिए वेतन भत्तों और संचालन व्यवस्था के खर्च के बाद बची अतिरिक्त राशि को खर्च किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि राजभवन की हिदायत पर नैक ग्रेडिंग में अव्वल के लिए आने परिसर और प्रबंधन को चमकाना तो शुरू कर दिया, लेकिन अब पैसे की किल्लत दिखाई जा रही है।

ग्रेडिंग के लिए नैक के सात फॉर्मूले…
1. करिकुलर आस्पेक्ट: पाठ्यक्रम पहलुओं का वर्गीकरण ताकि विद्यार्थियों को अनेक विषयों में कौशल विकास का अवसर मिले।
2. टीचिंग लर्निंग: प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पढ़ाने के तौर तरीके और खुद को अपडेट रखने के उपाय पर किए गए काम।
3. रिसर्च: यूनिवर्सिटी के पास रिसर्च फॉलोअर्स को सुविधा और नया एक्सपीरिएंस देने के लिए क्या इंतजाम मौजूद हैं।
4. इंफ्रास्ट्रक्चर: कैंपस में विद्यार्थियों के रहने खाने, सड़कें, लेब और भवन सुविधाजनक हैं या नहीं।
5. स्टुडेंट सपोर्ट: हॉस्टल में रहने वाले और डिपार्टमेंट में आने वाले विद्यार्थियों को किस प्रकार का मार्गदर्शन दिया जाता है।
6. गवर्नेंस लीडरशिप: स्टाफ और विद्यार्थियों में गर्वनेंस लीडरशिप उभारने किस प्रकार के वर्क शॉप और कार्यक्रम चल रहे हैं।
7. इनोवेशन: देश और प्रदेश के बाकी विश्वविद्यालयों की तुलना में आपके परिसर में क्या नया हो रहा है।
इधर, आरजीपीवी: विद्यार्थियों को भ्रमण के लिए मिलेंगी साइकिल…
वहीं दूसरी ओर राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में पर्यावरण संरक्षण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए विद्यार्थियों द्वारा लाए जाने वाले वाहनों को भी मुख्य द्वार पर ही पार्क करवाया जाएगा।
विद्यार्थियों को भ्रमण के लिए साइकिल मुहैया कराने की योजना है। इसके अलावा आरजीपीवी संस्थान परिसर में प्रतिवर्ष निकलने वाले लाखों रुपए के कागज वेस्ट को रिसाइिकल करने के लिए प्लांट लगाएगा और अपना पेपर खुद तैयार करेगा।
विवि प्रबंधन ने फै सला लिया है कि अर्न बाय लर्न यान काम करते हुए पढ़ाई जारी रखने वाले विद्यार्थियों को 300 रुपए प्रतिदिन सहायता राशि दी जाएगी। विवि कैंपस में रहने वाले 500 से ज्यादा विद्यार्थियों को इस फैसले का फायदा पहुंचेगा।
नैनो सैटेलाइट पर करेंगे काम
कार्यपरिषद ने तय किया है कि नेनो सैटेलाइट बनाने के प्रोजेक्ट पर आरजीपीवी भी काम करेगा। इसके लिए इसरो से टाइअप किया जाएगा और आरजीपीवी कैंपस इसरो के वैज्ञानिक आकर विद्यार्थियों को तकनीकी विज्ञान से अवगत कराएंगे।
ऐसे विद्यार्थी जो कैंब्रिज इंग्लिश संस्थान से कोर्स करने का रजिस्ट्रेशन करवाएंगे उन्हें परीक्षा में क्रेडिट स्कोर दिया जाएगा। बच्चों को भविष्य में डिजिटल मार्क शीट दी जाएगी, जिसे वे डिजी लॉकर में सेव कर सकेंगे। स्टार्ट अप स्टार्ट करने की ट्रेनिंग देने के लिए इंक्यूबेशन सेंटर खोला जाएगा। इसके अलावा अब आरजीपीवी के विद्यार्थियों को 25 हजार रुपए दुर्घटना एवं 2 लाख रुपए मृत्यु बीमा दिया जाएगा।
विद्यार्थियों की सुविधा और पर्यावरण संरक्षण के लिए इस बार विशेष प्रस्ताव पर ये फैसले लिए गए हैं, जिन्हें जनवरी से लागू किया जाएगा।
– शशिरंजन अकेला, पीआरओ, आरजीपीवी

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