दरअसल उमा भारती का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह अफसरशाही को चप्पल उठाने वाली कह रही हैं। वीडियो वायरल होने के बाद उमा भारती को सफाई देनी पड़ी। सफाई देते समय वह एक बार पिर विवादित बयान दे बैठी। इस बार उनके निशाने पर बीजेपी के ही सत्तासीन नेता थे। उमा के बयान के बाद प्रदेश की राजनीति फिर से गरमा गई है।
इसलिए कहा निकम्मा
उमा भारती ने अफसरशाही पर सफाई देते हुए कहा कि हम नेताओं में से कुछ सत्ता में बैठे निकम्मे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिए ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं। वह जनता के सामने दिखाने की कोशिश करते हैं कि हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रेसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती।
इस बयान पर देनी पड़ी सफाई
उमा से आरक्षण के मुद्दे पर जब एक प्रतिनिधि मंडल मिलने पहुंचा था, तब ब्यूरोक्रेसी द्वारा घुमाने की आशंका पर उमा ने कहा कि गलतफहमी है आपकी। ये ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती, चप्पल उठाने वाली होती है। चप्पल उठाती है हमारी। आपको क्या लगता है कि ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है। पहले अकेले में बात होती है हमसे। फिर फाइल ब्यूरोक्रेसी घुमाकर लाती है। 11 साल केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री रही हूं।
मुरलीधर राव ने कहा था नालायक
प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा कि जो चार-चार और पांच-पांच बार से सांसद या विधायक है और फिर भी कहता है कि पार्टी ने मौका नहीं दिया। फिर से सांसद-विधायक बनना चाहता है। तो उससे बड़ा कोई नालायक नहीं। ऐसे लोगों को तो मौका मिलना भी नहीं चाहिए। पार्टी में नई लीडरशिप को उभरना और आगे आना जरूरी है।